scriptमहाभारत के समय इतनी होती थी योद्धाओं की लंबाई! | Baghpat Sinauli Found Mahabharat Time Proof and Human Skeleton | Patrika News

महाभारत के समय इतनी होती थी योद्धाओं की लंबाई!

locationमेरठPublished: Jun 21, 2018 11:25:41 am

Submitted by:

sharad asthana

बागपत के सिनौली में हुई खुदाई में मिले कंकाल को महाभारत काल के किसी योद्धा का मान रहे हैं इतिहासकार

mahabharat

महाभारत के समय इतनी होती थी योद्धाओं की लंबाई!

बागपत। जिले के इतिहास ने एक बार फिर विदेशी धारणा को पलट दिया है। महाभारत को झुठलाने वाले विदेशी इतिहासकार बागपत के उत्खनन को लेकर अचंभित हैं। खुदाई से जो सामान निकला है, उसके आधार पर एक बार फिर महाभारत का इतिहास लिखने की जरूरत महसूस होने लगी है। इतिहासकार मानने लगे हैं कि महाभारत का इतिहास बागपत से होकर गुजरता है। इससे भारत के इतिहास को नये पंख लगने लगे हैं।
यह भी पढ़ें

डंपिंग ग्राउंड के विरोध में अब किन्नर समाज ने खोला मोर्चा, कुछ इस तरह प्राधिकरण का किया विरोध

baghpat sinauli
बागपत की धरती से जुड़ा है महाभारत का इतिहास

बागपत ने एक बार फिर महाभारत के इतिहास को लिखने पर मजबूर कर दिया है। बागपत के सिनौली में निकली तलवारें, मुकुट, तांबा जडि़त ताबूत, रथ और योद्धाओं के कंकालों ने इतिहासकारों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अब इतिहासकार मानने लगे हैं कि महाभारत का इतिहास बागपत की धरती से जुड़ा है। यहां पर मिले कंकाल बताते हैं कि वे योद्धाओं के थे। इतिहास उन्‍हें करीब पांच हजार साल पुराना बता रहे हैं। इतिहासकारों के अनुसार, वह महाभारत काल था।
यह भी पढ़ें

…तो खुलने लगे महाभारत के रहस्‍य, योद्धाओं के शवों के साथ किया जाता था ऐसा काम

baghpat sinauli
तांबे की तलवारें चलाने में माहिर थे ये

शहजाद राय शोध संस्थान के डायरेक्‍टर अमित राय जैन बताते हैं कि वैसे तो सिनौली में मिले कंकाल और आज के मानव कंकालों में ज्यादा अंतर नहीं है। उनका आकार और उनकी मजबूती को देखें तो अहसास होता है कि वह किसी योद्धा का कंकाल रहा होगा। अक्सर देखने में आता है कि आदमी की औसत लंबाई छह फुट तक होती है। खुदाई में मिले कंकालों की लंबाई भी छह से सात फीट के बीच ही है। इससे प्रतीत होता है कि ये योद्धा थे, जो तांबे की भारी तलवारें चलाने में माहिर थे और उनमें काफी बल था।
यह भी पढ़ें

मिसाल: इस तरह चाय बेचने वाले की बेटी काे अमेरिका के कॉलेज से मिली 3.8 करोड़ की स्कॉलरशिप

फिलहाल रुकी है खुदाई

जिस प्रकार महाभारत के इतिहास में योद्धाओं के पराक्रम की गाथा सुनाई जाती हैं, उसी प्रकार का अहसास सिनौली में निकले ये कंकाल कराते हैं। हालांकि, अभी और भी बहुत कुछ इस धरती में दफन है, जिसका बाहर आना जरूरी है। फिलहाल यहां खुदाई रोक दी गई है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो