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बागपत की धरती से जुड़ा है महाभारत का इतिहास बागपत ने एक बार फिर महाभारत के इतिहास को लिखने पर मजबूर कर दिया है। बागपत के सिनौली में निकली तलवारें, मुकुट, तांबा जडि़त ताबूत, रथ और योद्धाओं के कंकालों ने इतिहासकारों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अब इतिहासकार मानने लगे हैं कि महाभारत का इतिहास बागपत की धरती से जुड़ा है। यहां पर मिले कंकाल बताते हैं कि वे योद्धाओं के थे। इतिहास उन्हें करीब पांच हजार साल पुराना बता रहे हैं। इतिहासकारों के अनुसार, वह महाभारत काल था। यह भी पढ़ें
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तांबे की तलवारें चलाने में माहिर थे ये शहजाद राय शोध संस्थान के डायरेक्टर अमित राय जैन बताते हैं कि वैसे तो सिनौली में मिले कंकाल और आज के मानव कंकालों में ज्यादा अंतर नहीं है। उनका आकार और उनकी मजबूती को देखें तो अहसास होता है कि वह किसी योद्धा का कंकाल रहा होगा। अक्सर देखने में आता है कि आदमी की औसत लंबाई छह फुट तक होती है। खुदाई में मिले कंकालों की लंबाई भी छह से सात फीट के बीच ही है। इससे प्रतीत होता है कि ये योद्धा थे, जो तांबे की भारी तलवारें चलाने में माहिर थे और उनमें काफी बल था। यह भी पढ़ें