
बागपत। लगता है बागपत के अधिकारी पीएम मोदी और सीएम योगी से भी बड़े हैं। बार-बार निर्देशों के बाद भी यहां के अधिकारियों को उनके आदेशों की परवाह नहीं है। यही कारण है कि जिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को की गई शिकायतों को भी ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। सरकार भले ही लोगों की समस्याएं दूर करने के लिए लाख प्रयत्न करे, लेकिन अधिकारी हैं कि कान बंद किए हुए हैं और मेहनताना मिलने के बाद भी जनता के किसी कार्य को समय से करने के लिए तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि आज जनता की शिकायतों का निस्तारण नहीं किया जाता है और मजबूर होकर आम लोगों को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक के दरवाजे खटखटाने पड़ते हैं। लेकिन बागपत के अधिकारियों पर शायद इस बात का भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
जिसके चलते बीते जुलाई माह में आइजीआरएस पोर्टल पर की गई शिकायतों की पड़ताल में सामने आया कि 38 शिकायतों का निस्तारण नहीं होने के कारण यह डिफॉल्टर श्रेणी में चली गई हैं। इसमें प्रधानमंत्री से संबंधित तीन व मुख्यमंत्री से संबंधित पांच शिकायतें भी शामिल हैं। जिला बागपत आइजीआरएस पोर्टल पर की जाने वाली शिकायतों के निस्तारण में पीछे है। जुलाई माह में पोर्टल पर 9241 शिकायतों में से 8753 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है।
वहीं 450 शिकायतें लंबित हैं। वहीं 38 शिकायतें डिफॉल्टर श्रेणी में हैं। इस श्रेणी में वो शिकायतें आती हैं, जिनका निश्चित अवधि बीतने के बाद भी निस्तारण नहीं किया जाता। डीएम ऋषिरेन्द्र कुमार का कहना है कि अधिकारियों को शिकायतों का जल्द से जल्द निस्तारण नहीं करने पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी गयी है। जल्द ही सभी शिकायतों का निस्तारण कर दिया जाएगा।
Published on:
03 Aug 2018 03:35 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
