
मेरठ। पीवीवीएनएल के अंतर्गत 14 जिलों में बिजली चोरी रोकने के लिए नए फैसले लिए गए हैं। साफ तौर पर अफसरों को कह दिया गया है कि बिजली चाेरों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे कितने ही प्रभावशाली क्यों न हों। इसके लिए अतिरिक्त विजिलेंस टीमें बढ़ार्इ गर्इ हैं। अफसरों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि अगर उनकी उपभोक्ताआें से मिलीभगत मिली, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवार्इ होगी। एमडी आशुतोष निरंजन ने ऊर्जा भवन में इन जनपदों के चीफ, एसर्इ आैर एक्सर्इएन के साथ बैठक करके नए निर्णय लिए हैं।
यहां एटीसी हानि ज्यादा
एमडी ने कहा कि मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, नोएडा, मुरादाबाद आैर रामपुर में सबसे ज्यादा लाइनलाॅस हो रहा है। यहां के प्रत्येक खंड की कार्य योजना बनाकर हर हाल में बिजली चोरी रोकें। एमडी ने कहा कि अधिकारी ईमानदारी से कार्य करें। उपभोक्ताओं के साथ मिली भगत कर विभाग को हानि पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवार्इ की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब अफसरों के स्थानान्तरण नहीं किए जाएंगे, बल्कि कार्य में शिथिलता बरतने पर निलम्बित कर विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ की जाएगी।
अब विजिलेंस टीमें 19 हुर्इ
बैठक में एएसपी विजिलेंस एके पांडेय ने कहा कि इस समय पश्चिमांचल डिस्काम के तहत 10 विजिलेंस की टीमें लगी हुर्इ हैं। विद्युत चोरी रोको अभियान को तेज करने के लिए विजिलेंस की नौ अतिरिक्त टीमें आैर दी गर्इ हैं। इससे बिजली चोरी रोकने के अभियान में विशेष तेजी आएगी। बैठक में बताया गया कि पश्चिमांचल के विभिन्न जनपदों में विद्युत चोरी अभियान के अंतर्गत 7,10,538 कनेक्शन चेक किए गए, इनमें 47,601 प्रकरणों मे विद्युत चोरी पकड़ी गर्इ।
चोरी के मामले अपलोड होंगे
बैठक में एमडी ने निर्देश दिए कि विद्युत चोरी में पकड़े गए प्रकरणों को यूपीपीसीएल इन्फोर्समेन्ट ऐप के वेब पोर्टल पर अवश्य अपलोड किया जाएं। बिजली चोरी रोकने के लिए विभागीय व विजिलेंस टीमें आपस में मिलकर रोस्टर के अनुसार चेकिंग करें। उन्होंने नये कनेक्शन देने के साथ-साथ अनमीटर्ड से मीटर्ड करने तथा लेजराइजेशन के भी निर्देश दिए।
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Published on:
10 Feb 2018 12:44 pm
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