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अब सामने आया ये वायरस, अगर आप भी रखते है डाॅगी तो हो जाए सतर्क

डाॅगी से निकलने वाला यह संक्रमण आपको बीमार ही नहीं।इलाज न मिलने या देरी होने पर ले सकता है जान

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मेरठ

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Nitin Sharma

Jun 24, 2018

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अब सामने आया ये वायरस, अगर आप भी रखते है डाॅगी तो हो जाए सतर्क

मेरठ।जानवरों में डाॅगी यानि कुत्ते को सबसे वफादार जानवर माना जाता है।यहीं कारण है कि कुछ लाेग इसे जरूरत के लिए पालते है। तो कुछ अपने शौक आैर पसंद के लिए कुत्तों को रखते है।लेकिन जिस डाॅगी को आप बड़े लाड-प्यार से घर में पालते है।उसकी हर जरूरतों का ध्यान रखते हैं।उसे वैक्सीनेशन करवाते हैं। वहीं आपका प्यारा डाॅगी आपको गंभीर बीमारियां भी दे सकता है।ये है उसकी वजह।

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कुत्ते से ये फैलता है संक्रमण

पशु चिकित्साधिकारी डा अनिल के अनुसार घर में पाले जाने वाले कुत्ते से होने वाले संक्रमण का असर सीधा परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।इनसे होने वाली बीमारियां तो इतनी घातक होती है कि पीड़ित व्यक्ति की मौत तक हो जाती है।वहीं अक्सर डॉक्टर उस बीमारी की पहचान तक नहीं कर पाता। कुत्ते से फैलने वाला लेप्टोस्पाइरोसिस ऐसे ही जानलेवा रोग हैं। जिनसे बचाव के लिए लोगों में जागरूकता का होना जरूरी होता है।

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आप के लिए इतना खतरनाक साबित हो सकता है कुत्ते से निकला ये संक्रमण

कुत्ते की गिनती सबसे वफादार जानवर के रूप में होती है। लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते होंगे कि मनुष्य की सेहत के लिए वह खतरनाक भी हो सकता है। घर में पाले जाने वाले पालतू कुत्ते के मूत्र से लेप्टोस्पाइरोसिस नामक घातक रोग फैलता है।जो मनुष्य में संक्रमण फैलाता है और इसके जीवाणु मनुष्य के भीतर पहुंचकर किडनी और लीवर को क्षति पहुंचने का काम करते हैं। इससे जान को खतरा उत्पन्न हो जाता है। आमतौर पर यह रोग बारिश या फिर तेज गर्मी या तेज सर्दी के मौसम में अधिक फैलता है। डा अनिल के अनुसार मनुष्य के लिए घातक ये विषाणु जिससे निकलते हैं उसको कोई नुकसान नहीं पहुंचाते।

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त्वचा कटी-फटी होने पर आप हो सकते है बीमार

डाॅक्टर के अनुसार कुत्ते के पेशाब आैर मल से लेप्टोस्पाइरोसिस ये संक्रमण बाहर निकलता है। इसके अंदर रहने या बाहर निकलने से उसे कोई नुकसान नहीं होता है। यह विषाणु संबंधित जीव-जंतु के पेशाब के माध्यम से बाहर निकलते रहते हैं। बल्कि यह मनुष्य की कटी-फटी, छिली या गली हईं त्वचा के जरिए उनके शरीर में प्रवेश करते हैं। इसकी चपेट में आने से वह बीमार पड़ जाते है। हां, जिन व्यक्तियों की त्वचा कटी-फटी न हो उनके शरीर में ये विषाणु प्रवेश नहीं कर पाते हैं।

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इन लक्ष्णों से लगता है जानवरी से मिली बीमारी का पता

डाॅक्टर अनिल के अनुसार इस बीमारी के लक्षणों से ही इसका पता लगता है। इस संक्रमण की चपेट में आने वाले मनुष्य को आंख, नाक से पानी निकलना, सिरदर्द, आंखों का लाल होना और दर्द रहना, बुखार आना, उल्टी होना, ठंड लगना, गर्दन में जकडन और दर्द, पैरों में दर्द रहना, पेट में दर्द जैसी बीमारियां बन जाती है।