
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और जनरल सैम मानेकशॉ (फाइल फोटो)।
भारत-पाक युद्ध के वीर सैम मानेकशॉ के लिए अब भारत रत्न देने की मांग की गई है। इसके लिए मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. विवेक बिंद्रा ने देश भर में मुहिम चलाई है।
इंडियन आर्मी के "मोस्ट डेकोरेटेड जनरल" में शामिल
इंडियन आर्मी में फील्ड मार्शल रह चुके सैम मानेकशॉ के बारे में मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. विवेक बिंद्रा ने हाल यूट्यूब वीडियो के माध्यम से सैम मानेकशॉ के लिए भारत रत्न देने की मुहित शुरू की है। इसके लिए शहरों में जाकर सैम मानेकशॉ के बाद में लोगों को बता रहे हैं और सैम मानेकशॉ के लिए भारत रत्न देने की मांग के पक्ष में समर्थन एकत्र कर रहे हैं। सैम मानेकशॉ इंडियन आर्मी के वो अफसर थे जिन्हें उनकी बुद्धिमता और बहादुरी की वजह से जल्दी-जल्दी प्रमोशन मिले। वो इंडियन आर्मी के "मोस्ट डेकोरेटेड जनरल" में शामिल हैं। लेकिन उन्हें कभी वो सम्मान नहीं मिला जिसके वो हकदार थे।
अपने सीने पर नौ गोलियां खाई थी
डॉ. विवेक बिंद्रा ने सैम मानेकशॉ को भारत का सर्वोच्च सम्मान "भारत रत्न" दिलाने की मुहिम शुरू की है। इसके लिए वो BharatRatnaforSamBahadur और RequestByDrVivekBindra के ट्विटर कैंपेन को चला रहे हैं। सैम मानेकशॉ वो जाबांज आर्मी लीडर थे जिन्होंने अपने सीने पर नौ गोलियां खाई थी। उनके जीवन के कुछ ऐसे किस्सों को डॉ विवेक बिंद्रा ने वीडियो में बताया है।
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को "स्वीटी" बुलाते थे सैम मानेकशॉ
सैम मानेकशॉ वो देश में एक ऐसे व्यक्ति थे जो देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को स्वीटी कहकर बुलाते थे। उनके सवालों का वो बिना डरे जवाब दिया करते थे और खुद इंदिरा गांधी भी उनकी दी गई सलाह को तवज्जो दिया करती थीं।
जब इंदिरा ने पूछा सैम तुम सत्ता का तख्तापलट करोंगे क्या!
कहा जाता है कि एक बार इंदिरा गांधी को उनके कुछ मंत्रियों ने कहा कि जिस तरह पाकिस्तान के आर्मी ऑफिसर्स देश की सत्ता का तख्ता पलट कर देते हैं वैसे ही सैम मानेकशॉ भी देश की सत्ता को पलट सकता है और आपको सत्ता से बेदखल कर सकता है।
ये बात सुनने के बाद इंदिरा गांधी ने सैम मानेकशॉ को बुलवाया और उनसे साफ साफ पूछा कि मेरे मंत्रियों ने कहा है कि तुम सत्ता का तख्तापलट करना चाहते हो। तब सैम मानेकशॉ ने पूछा कि आपको क्या लगता है? तब इंदिरा गांधी बोलीं कि तुम ये नहीं कर पाओगे।
इसके जवाब में सैम मानेकशॉ ने कहा कि मैं सत्ता का ये तख्तापलट कर तो सकता हूं लेकिन करूंगा नहीं। हम दोनों को अपने-अपने काम से मतलब रखना चाहिए। मैं आपकी पॉलिटिक्स में दखलंदाजी नहीं करूंगा आप मेरे आर्मी के काम में मत करिए।
सैम मानेकशॉ ने की थी पाकिस्तानियों की मदद, हुआ था बवाल
सैम मानेकशॉ इंसानियत को सबसे आगे रखते थे। वो महिलाओं और बच्चों के सामने कभी हथियार नहीं उठाते थे। यहां तक कि दुश्मनों के साथ भी इंसानियत निभाना उन्हें बखूबी आता था। भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान जब इन्होंने 90 हज़ार पाकिस्तानी सैनिकों को सरेंडर करवाया था, तो उन्हें भी पूरी इंसानियत के साथ रखा था।
उन्हें रहने के लिए पक्के मकान दिए थे जबकि भारत के सैनिक खुद बाहर खेतों में सोया करते थे। खाना भी पहले पाकिस्तानी सैनिकों को दिया जाता था।उन्हें कुरान पढ़ने और खुद को बदलने का पूरा मौका भी दिया। सैम मानेकशॉ को दुश्मनों के साथ उनके इस मानवीय व्यवहार के लिए काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी।
सैम मानेकशॉ के साथ सरकार और सेना की तरफ से नाइंसाफी
उनके इस मुखर व्यवहार के कारण उन्हें बाद में वो सम्मान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था। रिटायरमेंट के बाद इन्हें कोई सरकारी सुविधाएं नहीं दी गई। यहां तक कि साल 2008 में जब सैम का देहान्त हुआ तब कोई भी आर्मी ऑफिसर और राजनेता दाह संस्कार तक में शामिल नहीं हुआ।
राजनेताओं के साथ इनके संबंध अच्छे नहीं थे
सेना के फील्ड मार्शल की तरह उन्हें जो विदाई मिलनी चाहिए थी वो नहीं दी गई। ऐसा हुआ क्योंकि राजनेताओं के साथ इनके संबंध अच्छे नहीं थे। डॉ. विवेक बिंद्रा ने बताया कि भारत के हर एक व्यक्ति और खासकर बच्चों को सैम मानेकशॉ की इस बहादुरी भरी जीवन यात्रा के बारे में पता होना चाहिए। सैम मानेकशॉ के बारे में डॉ. विवेक बिंद्रा ने मुहिम चलाई हुई है। जिसमें वो सैम मानेकशॉ के बारे में दिखा रहे हैं।
Published on:
08 Nov 2023 06:31 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
