
बीजेपी राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेई
बिहार के नीतीश कुमार सरकार ने जाति जनगणना को जारी करके एक बड़ा दांव खेला है। सरकार की तरफ जारी किए गए आंकड़े के अनुसार बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है। वहीं, बीजेपी के राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेई ने अब पलटवार किया है।
बीजेपी के राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजेपई ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार में जारी की गई जातीय जनगणना के आंकड़े अविश्वसनीय है। ये आंकड़े पूरी तरह से झूठे हैं। वहीं, जाट आरक्षण बहाली पर उन्होंने कहा कि आरक्षण आर्थिक, सामाजिक रूप से पिछड़ों के लिए होता है।वेस्ट यूपी का जाट आर्थिक रूप से मजबूत, समृद्ध’ हैं।
बता दें कि बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है। राज्य में सबसे बड़ी आबादी अत्यंत पिछड़ा वर्ग की है, जो राज्य की कुल आबादी के करीब 36 फीसदी है।
बिहार में इस वर्ग की इतनी फीसदी हिस्सेदारी
अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%
पिछड़ा वर्ग 27.12%
अनुसूचित जाति 19.65%
सवर्ण जातियां करीब 15.52%
अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68%
वही, अगर धार्मिक के लिहाज के देंखे तो बिहार में सबसे ज्यादा हिन्दू है। जातिगत जनगणना के मुताबिक हिन्दुओं की आबादी करीब 82% है, जबकि मुस्लिम 17.7%, ईसाई 0.05%, बौद्ध 0.08%, सिख 0.01% फीसदी हैं। इसके अलावा राज्य में जैन और कुछ अन्य जातियां भी हैं। बिहार में 0.0016 % लोग ऐसे लोग हैं जो किसी भी धर्म को नहीं मानते हैं।
Updated on:
03 Oct 2023 02:36 pm
Published on:
03 Oct 2023 02:35 pm
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