
2019 लोकसभा चुनाव: यूपी में दो दर्जन से अधिक सांसदों के टिकट काटने की तैयारी में भाजपा, कई छोड़ सकते हैं पार्टी!
मेरठ। लोकसभी उपचुनाव में मिल लगातार हार के बाद भाजपा ने अपने वर्तमान सासंदों पर सख्ती शुरू कर दी है। पार्टी ने 2019 में 2014 सरीखी कामयाबी हासिल करने के लिए सांसदों को नया फरमान जारी किया है। जिलों से आ रही रिपोर्ट के बाद पार्टी ने अपने सांसदों को 6 महीने का समय कार्यप्रणाली में सुधार लाने और बतौर सांसद तय लक्ष्य को पूरा करने के लिए दिया है। इस मौके का फायदा उठाने में नाकाम रहने वाले सांसद को अगली बार टिकट मिलना बहुत मुश्किल होगा।
भाजपा लगातार 2019 में वापसी करने के लिए सक्रिय है। उसने इस बार वोट प्रतिशत बढ़ाने पर फोकस किया है। इसके लिए वोटरों को 50 फीसदी तक बूथ पर ले जाकर वोट डलवाने के प्लान से यूपी की सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन जिलों से सांसदों को लेकर आ रही रिपोर्ट ने भाजपा को टेंशन में डाल रखा है। यूपी में करीब 24 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा के सांसदों का प्रदर्शन खराब है। इनमें 19 की हालत बेहद खराब बताई जा रही है। आपको बात दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल ने 2 सीटों पर।
भाजपा द्वारा 2019 में अपना पुराना प्रदर्शन दोहराने के लिए संगठनात्मक प्रोग्राम में करीब 20 हजार अल्पकालिक विस्तारक काम कर रहे हैं। इन अल्पकालिक विस्तारकों ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती वर्ष के कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया था। इन्होंने यूपी के सभी जिलों के 13,000 से अधिक सेक्टरों में जाकर बैठकें की थीं। इनमें से 16 हजार विस्तारक बूथ समितियों पर बैठक कर लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम कर चुके हैं। विधानसभा चुनाव में चुनाव सहायक का दायित्व निभाने वाले कार्यकर्ता दीर्घकालिक विस्तारक रहे। इन्होंने 75 जिलों में जाकर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया था।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा हाईकमान ने अपने क्षेत्र में खराब रिकॉर्ड रखने वाले ऐसे सभी सांसदों को 6 महीने का वक्त दिया है कि वे अपने व्यवहार में सुधार लाएं। जनता का विश्वास हासिल करें। विकास के काम का लक्ष्य पूरा करें। पार्टी के वरिष्ठ नेता के मुताबिक उसके बाद तीन स्तर से जांच कराई जाएगी। अगर स्थिति में बदलाव आता है तब टिकट दिया जाएगा, वरना टिकट काट दिया जाएगा।
भाजपा के एक नेता का कहना है कि कई महीने से यूपी में 2019 की तैयारी के लिए कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। संपर्क फॉर समर्थन, चौपाल, बूथ सम्मेलन, मतदाता पुनरीक्षण अभियान इसी कड़ी का हिस्सा हैं। संगठन को और प्रभावी बनाने के लिए भाजपा का प्लान अब बसपा की तरह हर लोकसभा क्षेत्र में प्रभारी तैनात करने का है। यह प्रभारी दूसरे लोकसभा क्षेत्र का होगा। अब तक यह व्यवस्था सिर्फ बसपा में ही है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक अब 2019 तक पार्टी ने कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक कार्यक्रमों में व्यस्त रखने की योजना तैयार की है। पश्चिमी यूपी में भाजपा के एक कद्दावर नेता के मुताबिक कमजोर मानी जा रही लोकसभा सीटों पर टिकट बदले जाने की आशंका है, वहां पर वैकल्पिक उम्मीदवार की तलाश भी की जा रही है। हर सीट पर कम से कम दो नाम लिस्ट में रखे जा रहे हैं। ताकि टिकट बदलने के समय तुरंत निर्णय लिया जा सके।
Published on:
27 Jun 2018 08:53 pm
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