
मेरठ। मेरठ का शांत रहने वाला डोरली गांव सियासत का अखाड़ा बन गया है। कारण था गोवंश की तस्करी के आरोप में जेल में बंद नरेंद्र नागर की मौत के मामले में डोरली में महापंचायत का आयोजन। इसमें कई पार्टियों के नेता और सर्वसमाज के लोगों ने भाग लिया। महापंचायत में कई नेताओं ने शासन और पुलिस-प्रशासन को चेतावनी तक दे डाली। सभी पार्टियों का एक ही मकसद था कि किसी तरह से अपना राजनैतिक वजूद जनता के सामने प्रबल तरीके से प्रदर्शित करना। भाजपा से मेरठ जिला पंचायत अध्यक्ष के पिता और भाजपा नेता मुखिया गुर्जर भी राजनीति करने से नहीं चूके और अपनी ही सरकार को उन्होंने साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि नरेंद्र नागर के परिजनों को इंसाफ नहीं मिला और इस मामले में जेल में बंद हुए बाकी तीन निर्दोषों को नहीं छोड़ा गया तो वह नौ मई को धनसिंह कोतवाल की प्रतिमा पर भीड़ के साथ पुष्प अर्पित करने के बाद जेल पर हमला कर उन्हें छुड़वाने का काम करेंगे।
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पार्टी पर खूंटी पर टांगकर यहां आया
मुखिया गुर्जर ने कहा कि महापंचायत के बाद मुझे पार्टी से निकाला भी जा सकता है, मगर पंचायत में आने से पहले मैं पार्टी को घर की खूंटी पर टांगकर आया हूं। पंचायत में एसपी सिटी, एडीएम सिटी के अलावा कई थानों की पुलिस, महिला पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और पीएसी मौजूद थी।
गुर्जर बिरादरी का समर्थन पाने का उद्देश्य
डोरली में आयोजन मृतक नरेंद्र नागर की शोक सभा और इंसाफ दिलाने के लिए हुई महापंचायत में भाजपा, सपा, बसपा, रालोद, कांग्रेस नेताओं के अलावा सर्व समाज के लोग उपस्थित थे। महापंचायत का संचालन सपा नेता अतुल प्रधान ने किया। महापंचायत में गुर्जर बिरादरी के लोगों को अधिक तवज्जो देने को लेकर कुछ लोगों ने ऐतराज किया। मीरापुर से भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने पंचायत में नोएडा में हुए बागपत निवासी सुमित गुर्जर के एनकाउंटर पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी , 50 लाख मुआवजा, मकान और दोषी पुलिसकर्मियों व सठला गांव प्रधान पर केस दर्ज की मांग की। भाजपा विधायक दिनेश खटीक, सोमेंद्र तोमर, जिला पंचायत अध्यक्ष कुलविंदर सिंह, रालोद जिलाध्यक्ष राहुल देव, रालोद में मंडल अध्यक्ष यशवीर सिंह, पप्पू गुर्जर, सपा नेता मोहम्मद अब्बास, बसपा नेता भारतवीर सिंह, किसान नेता राममेहर सिंह, रोहताश पहलवान, जिला पंचायत सदस्य सतपाल सिंह, सपा नेता आदिल चैधरी ने भी पीड़ित परिवार को जल्द इंसाफ दिलाने और मांगों को पूरा कराने का आश्वासन दिया।
इन मांगों पर रहा जोर
महापंचायत में तीन मांगों पर विशेष रूप से जोर दिया गया, जिसमें पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा, एक सदस्य को सरकारी नौकरी, सरकारी योजना में एक आवास, दोषी पुलिसकर्मियों और सठला ग्राम प्रधान नवेद पर हत्या का केस दर्ज कराने की मांग की गई थी। जिस पर सर्व समाज के लोगों ने एक सुर में हां बोलते हुए हाथ उठाकर अपनी सहमति जताई। उक्त मांगें एसपी सिटी, एसपी देहात, एडीएम सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट के सामने रखी गई।
एडीएम सिटी ने दिया आश्वासन
एडीएम सिटी ने कहा कि कुछ दस्तावेजों की जरूरत है, जिसे पीड़ित परिवार से मांग लिया जाएगा। उसके बाद मुख्यमंत्री राहत कोष से 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद, सरकारी नौकरी और सरकारी योजना में आवास के लिए फाइल लखनऊ भेज दी जाएगी। जिस पर सभी मान गए।
दोषी पुलिसकर्मियों पर चलेगा केस
वहीं एसपी देहात राजेश कुमार से दोषी पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज करने की मांग की, जिस पर एसपी ने एसएसपी से फोन पर बात की। एसएसपी की हामी के बाद एसपी देहात ने दोषी पुलिस वालों पर केस दर्ज करने की बात पंचायत में कही। उसके बाद मुखिया गुर्जर ने माइक से महापंचायत और अनशन को खत्म करने की घोषणा की।
Published on:
30 Apr 2018 01:16 pm
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