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यह बताया कारण
विजयपाल तोमर ने कहा कि मेरठ की सीट हारने का अनुमान किसी को भी नहीं था। मेरठ में अकेला कैंट ऐसा है जहां से भाजपा को 10,0000 वोट मिलती है। शहर में भी भाजपा को बराबर वोट पड़ते हैं। बावजूद इसके मेरठ की सीट भाजपा हार गई। इसका कारण यह रहा कि मेरठ में जिन क्षेत्रों में भाजपा की वोट निकलती थी। वहां लोग मतदान के लिए जागरूक ही नहीं थे। महज 28 प्रतिशत पोलिंग हो पाया। वहीं, जिन इलाकों में विरोधियों की वोट निकलती है, उन बूथों पर 62 प्रतिशत वोटिंग हुआ और यही कारण रहा कि भाजपा मेरठ में अपनी सीट को हार गई। ऐसा ही सहारनपुर में भी हुआ। अंतिम दिन जिस तरह से सहारनपुर में मतदान प्रतिशत को बढ़ाया गया है। उससे भाजपा को जीत मिली है। विजयपाल तोमर ने यह भी कहा कि अगर सहारनपुर में भी मतदान का प्रतिशत कम रह जाता तो भाजपा नहीं जीत पाती। अगले चुनाव में इस विषय पर गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। मतदान प्रतिशत को बढ़ाना होगा और जो भाजपाई वोटर हैं। वह अपना मतदान जरूर करें । इसके लिए लोगों को जागरुक करना होगा।
गुजरात चुनाव को लेकर भी खोला यह राज
निकाय चुनाव में सहारनपुर के प्रभारी विजयपाल तोमर ने यह भी राज खोला कि आखिर भाजपा ने नगर निगम के चुनाव क्यों कराएं। दरअसल पूर्व की सरकारें नगर निगम का चुनाव कराने की हिम्मत ही नहीं जुटा पा रही थी। भाजपा ने प्रदेश में निकाय चुनाव की घोषणा की और अब 16 में से 14 सीटें जीतने के बाद सहारनपुर में आयोजित धन्यवाद बैठक में निकाय चुनाव प्रभारी सत्यपाल तोमर ने कहा कि पार्टी की यह योजना थी कि गुजरात चुनाव से पहले निगम के चुनाव कराए जाएं और निगम चुनाव में जब पार्टी मेयर की सीटें जीतेगी तो इसका प्रभाव गुजरात चुनाव पर भी पड़ेगा।
ये रहे मौजूद
इस धन्यवाद बैठक में मुख्य रुप से सांसद राघव लखन पाल शर्मा, मेयर संजीव वालिया, मंत्री धर्म सिंह सैनी, पूर्व विधायक राजीव गुंबर पूर्व विधायक लालकृष्ण गांधी, और जिला अध्यक्ष व महानगर अध्यक्ष समेत सभी नव निर्वाचित पार्षद और बड़ी संख्या में भाजपाई मौजूद रहे।