
इस शहर की जेल की रसोर्इ में खत्म होने जा रही अंग्रेजों के जमाने की व्यवस्था
मेरठ। चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में कैदियों की संख्या वर्तमान में 2200 है। इन 2200 कैदियों के भोजन की व्यवस्था में जेल प्रशासन के पसीने निकल आते हैं। जेल के भीतर बंद कैदियों के बीच से ही कुछ कैदियों को इस व्यवस्था में लगाया जाता है और कैदियों के लिए रोटियों और भोजन की व्यवस्था की जाती है। यह व्यवस्था प्रतिदिन बदलती रहती है। 2200 कैदियों के भोजन की व्यवस्था का भार मात्र 15-20 कैदियों पर होता है। उनमें से किसी को बीमारी होती है तो कोई अन्य तकलीफ से परेशान होता है, लेकिन अंग्रेजों के जमाने से जेल में भोजन बनाने की इस व्यवस्था के दिन अब खत्म होने वाले हैं।
अब जेल में बंद कैदियों और बंदियों को मॉड्यूलर किचन में बना खाना मिलेगा। जेल प्रशासन इसकी शुरुआत कर रहा है। इस माडयूलर किचन में रोटी बनाने से लेकर सब्जी काटने तक का काम मशीन से किया जाएगा। जेल की रसोई में इलेक्ट्रॉनिक चिमनी लगाई जाएगी जो अंदर का धुआं बाहर निकाल देगी। मेरठ सहित प्रदेश की अन्य जेलों में यह व्यवस्था जल्द ही शुरू होगी।
यह थी व्यवस्था अब तकजेलों में
खाना पकाने की मौजूदा पारम्परिक व्यवस्था के मुताबिक सदियों से सजायाफ्ता कैदियों को रसोई में खाना बनाने के काम में लगाया जाता है। करीब 2200 कैदियों और बंदियों का खाना पकाने की जिम्मेदारी 10-15 कैदियों को सौंपी जाती है।
बीमार और कमजोर कैदियों करते हैं रसोई का काम
उप्र शासन ने जेल में करवाये गए एक सर्वे के अध्ययन में पाया कि जेल की रसोई में काम करने वाले कैदी बाकी कैदियों की अपेक्षा कमजोर और बीमारी के शिकार रहते हैं। सरकार को रिपोर्ट के साथ जेल प्रशासन ने मॉड्यूलर किचन का प्रस्ताव भी भेजा था। शासन से अनुमति मिलने के बाद जेलों में आधुनिक उपकरणों की मदद से पकवान बनाने की व्यवस्था शुरू की जा रही है।
इन जेलों में शुरू हो गई
आईजी जेल पीके मिश्र ने बताया कि अब जेलों में मॉड्यूलर किचन स्थापित की जाएगी और उसमें ही जेल के कैदियों के लिए खाना बनाया जाएगा। प्रदेश की 27 जेलों यह व्यवस्था शुरू हो चुकी है। बाकी की जेलों के लिए मशीनों की खरीद का काम तेजी से चल रहा है। जल्द मेरठ सहित सभी जेलों में व्यवस्था शुरू हो जाएगी।
ऐसी होगी जेल की माॅॅडयूलर किचन
जेल की माॅडयूलर किचन की खूबिया जानकार हैरान हो जाएगे आप। इस मॉड्यूलर किचन में रोटी बनाने के लिए चपाती मेकर मशीन खरीदी जाएगी जो एक घंटे में एक हजार रोटियां तैयार करेगी। ऐसी दो मशीनें सभी जेलों को मुहैया करवाई जा रही हैं। इसके अलावा आटा गूथने, लोई बनाने और गेहूं की छनाई का काम भी जेल में मशीनों के द्वारा ही किया जाएगा। सब्जियां बनाने के लिए पोटैटो पीलर और वेजिटेबल कटर जेल की किचन में होगे। इन मशीनों के प्रयोग से एक घंटे में दो हजार कैदियों और बंदियों की सब्जी आसानी से तैयार हो जाएगी। इससे समय की बचत के साथ कैदियों को मेहनत करने से राहत मिलेगी।
Published on:
20 May 2018 05:24 pm
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