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मायावती के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू होने पर बसपा के दिग्गज नेता ने दिया चौंकाने वाला बयान

गठबंधन से बौखलाई भाजपा कर रही सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग

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मेरठ

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Iftekhar Ahmed

May 07, 2018

Mayawati

मेरठ. पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में बेची गई चीनी मिलों की जांच सीबीआई के हवाले करने के सरकार के फैसले के खिलाफ बसपा और सपा ने भाजपा पर करारा हमला बोला है। सपा और बसपा के नेताओं ने एक सुर में कहा है कि भाजपा सपा और बसपा के गठबंधन से बौखला गई है और इसी बौखलाहट का नतीजा है कि अब बसपा की मुखिया मायावती के खिलाफ सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर रही है। भाजपा सरकार की इस कर्रवाई पर बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पूर्व को-ऑर्डिनेटर और पूर्व सांसद बाबू मुनकाद अली ने कहा कि अगर बहन जी दोषी थी तो भाजपा की सरकार अब तक कहां सो रही थी। यह काम तो उसे बहुत पहले कर देना चाहिए था। यहां तो सरकार भी भाजपा की थी और सीबीआई भी भाजपा की थी। अब ये कार्रवाई ऐसे समय में की जा रही है, जब कैराना उपचुनाव होने वाले हैं और 2019 का आम चुनाव सिर पर हैं। ऐसे में सीबीआई की जांच राजनीति से प्रेरित होने से अधिक कुछ नहीं है। भाजपा को कैराना और नूरपुर में अपनी हार का भविष्य दिखाई दे रहा है, इसी से बौखलाकर भाजपा सरकार इस तरह की कार्रवाई कर रही है।

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वहीं, पूर्व बसपा विधायक योगेश वर्मा की पत्नी और मेरठ की मेयर सुनीता वर्मा ने कहा कि बहन मयावती को अगर कुछ हुआ तो बसपा, भाजपा सरकार की ईंट से ईंट बजा देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार निगम चुनाव के बाद से ही बसपाइयों के पीछे पड़ी हुई है। पहले उनके पति योगेश वर्मा को साजिश के तहत जेल भिजवाया और अब पार्टी की मुखिया मायावती को साजिश के तहत सीबीआई जांच में फंसाना चाहती है। भाजपाइयों की मंशा अब उजागर हो गई है। भाजपा की सरकार दलित विरोधी है। इसके अलावा सपा से हुए गठबंधन के बाद से वह बुरी तरह से परेशान हो गई है। उन्होंने कहा कि दलित भाजपा को चुनाव में सबक सिखाएगा और वह दिन ज्यादा दूर नहीं है, जब भाजपा सत्ता से बाहर हो जाएगी।

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समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और सपा सरकार में मंत्री रह चुके शाहिद मंजूर ने कहा कि भाजपा का यह फैसला किसी भी ऐंगल से लोकतांत्रिक नहीं है। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि भाजपा सरकार इसके माध्यम से दिखाना क्या चाहती है। सरकार ऐसा कर बसपा अध्यशक्ष मायावती के ऊपर दबाव बनाना चाहती है। जो सरकार अपने ही कार्यकाल में अपनी जीती हुई सीटें हार रही हो तो समझ लेना चाहिए कि उसका जनता के ऊपर से विश्वास उठ चुका है। भाजपा का यह फैसला यह दर्शाता है कि उसने कैराना उपचुनाव में भीतरखाने अपनी हार मान ली है। इसलिए ही वह पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के ऊपर सीबीआई के माध्यम से दबाव बना रही है।


इतने समय से कहां थी भाजपा की सीबीआई:- बाबू मुनकाद अली
बसपा के पश्चिमी उप्र के पूर्व कोर्डिनेटर और पूर्व सांसद बाबू मुनकाद अली ने कहा कि अगर बहन जी दोषी थी तो भाजपा की सरकार अब तक कहां सो रही थी। यह काम तो उसे बहुत पहले कर देना चाहिए था। उस समय तो सरकार भी भाजपा की थी और सीबीआई भी भाजपा की थी। जब कैराना उपचुनाव है और 2019 के चुनाव सिर पर हैं, ऐसे में सीबीआई की जांच राजनीति से प्रेरित होने से अधिक कुछ नहीं है। भाजपा को कैराना और नूरपुर में अपनी हार का भविष्य दिखाई दे रहा है। जिससे वो पागल सी हो गई है।