6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मायावती के इस करीबी नेता को लगा बड़ा झटका, अभी गुजारने पड़ेंगे सलाखों के पीछे

जेल में बंद मेयर पति की जमानत याचिका खारिज

2 min read
Google source verification

मेरठ

image

Iftekhar Ahmed

May 19, 2018

mayawati

मायावती के इस करीबी नेता को लगा बड़ा झटका, अभी गुजारने पड़ेंगे सलाखों के पीछे

मेरठ. मेरठ की मेयर सुनीता वर्मा के पति और हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा की जमानत अर्जी फिर से खारिज हो गई। उनकी जमानत अर्जी चैथी बार खारिज हुई है। योगेश वर्मा पर रासुका भी तामील कराई गई है। बसपा नेता योगेश जेल के भीतर से ही कानूनी और राजनीतिक लड़ाई दोनों ही लड़ रहे हैं। एक बार उन्होंने कचहरी में पेशी के दौरान पत्रकार वार्ता भी कर डाली थी, जिसमें उन्होंने कहा कि बाहर आने और बसपा सरकार बनने के बाद वे अपने साथ हुए एक-एक जुल्म का हिसाब किताब लेंगे।

यह भी पढ़ें- रेलवे में सामने आया बड़ा भ्रष्टाचार, सच्चाई जानकर आपका भी खौल जाएगा खून

एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान मेरठ जिले में हुए आगजनी-हिंसा और तोड़फोड़ मामले में आरोपी बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा की जमानत अर्जी एक बार पिर खारिज कर दी गई। आरोपी पूर्व विधायक योगेश वर्मा की जमानत अर्जी अपर जिला जज मानवेंद्र सिंह की कोर्ट संख्या दो में लगाई गई थी। अदालत में योगेश की जमानत का विरोध करते हुए सरकारी वकील संदीप ने तर्क दिया कि योगेश वर्मा राजनीतिक व्यक्ति हैं और उनके कहने पर ही दो अप्रैल को मेरठ में कई स्थानों पर भीड़ उग्र हुई। इस दौरान जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की। सरकारी वकील ने कहा कि अंबेडकर चैराहे पर जब योगेश वर्मा ने एकत्र भीड़ को उकसाने का काम किया तभी उत्तेजित भीड़ कचहरी परिसर के भीतर घुसी थी और कचहरी में तोड़फोड़ की थी। इस पर अधिवक्ताओं की गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुई थी।

यह भी पढ़ें- तीन युवकों ने चलती कार में पहले एक युवती को किया अगवा, फिर पिलाया नशीला पदार्थ इसके बाद किया...


यह वीडियो भी देखें- कैराना उपचुनाव : पीएम और सीएम पर अजित सिंह ने साधा निशाना

दो अप्रैल को कचहरी स्थित आंबेडकर चैक पर दलित समुदाय के कई संगठन हजारों की संख्या में लाठी-डंडे लेकर एकत्र थे। युवाओं की उत्तेजित भीड़ कचहरी में तोड़फोड़ करते हुए घुसी थी। वहां पर वाहनों में तोड़फोड़ व आगजनी शुरू कर दी। कई दुकानों में लूटपाट की गई, चेंबरों को भी जला दिया गया। इस मामले में सिविल लाइन थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा को नामजद किया था। अब मेयर पति योगेश वर्मा की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद मेयर सुनीता वर्मा ने कहा कि वे अब हाईकोर्ट में जाकर इसके खिलाफ अपील करेंगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार प्रशासन का दुरूपयोग कर रही है।