
शव दफनाने को लेकर खूनी संघर्ष में दर्जनभर घायल,गोलियों से दहला इलाका
जिले के थाना मवाना अंतगर्त मखदूमपुर रोड स्थित कब्रिस्तान में शव दफनाने को लेकर सैफी और मुस्लिम गाढ़ा समाज के लोग आमने सामने आ गए और खूनी संघर्ष हो गया। हंगामे के बीच जमकर चले लाठी-डंडों के साथ धारदार हथियार भी चले। एक पक्ष ने कई राउंड ताबड़तोड़ गोलियां भी चलाई। खूनी संघर्ष में करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए। नगर के मोहल्ला हीरालाल निवासी जमालुद्दीन सैफी की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। सैफी समाज के लोग मखदूमपुर रोड स्थित कब्रिस्तान में कब्र खोदाई के लिए पहुंचे तो मुस्लिम गाढ़ा समाज के लोगों ने इसका विरोध कर दिया। जिसमें जमकर लाठी, डंडे के साथ धारदार हथियार चले।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया करीब आधा घंटे तक दोनों ओर से पथराव हुआ। जिसमें करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए। थाना पुलिस को जानकारी मिली तो मौके पर एक सब इस्पेक्टर कुछ सिपाहियों के साथ मौके पर पहुंचे । लेकिन हालात बेकाबू होते देख थाने से और फोर्स मंगाया गया। पुलिस बल ने भीड़ को तितर बितर करके हालात संभाले और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। बताया जाता है कि सैफी समाज के लोग कब्रिस्तान में शव दफनाने पर अड़े हुए थे। इससे तनाव फैल गया। वहीं, इस बीच शहरकाजी मौलाना नफीस, चेयरमैन अय्युब कालिया की मौजूदगी में मुस्लिम गाढ़ा बिरादरी के कब्रिस्तान के मुतवल्ली शेरद्दीन और डा. एमएम सैफी, अबरार सैफी, साबिर, हाजी तहजीब पक्ष के लोगों के बीच करीब ढाई घंटे वार्ता हुई और शव मिल रोड स्थित बाईपास कब्रिस्तान पर दफनाने पर सहमति बनी और देर शाम शव दफना दिया।
थाने में तहरीर के बाद समझौता
वहीं, इससे पूर्व सैफी समाज के लोग सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर थाने पहुंचे और गाढ़ा पक्ष के छह नामजद समेत 10-12 अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी। इंस्पेक्टर विष्णु कौशिक ने बताया कि शव दफनाने के बाद दोनों पक्षों में मामले का लगभग पटाक्षेप हो गया। वहीं आपसी समझौते के बाद दोनों पक्षों ने अपनी तहरीर वापस ले ली है।
Published on:
04 May 2022 09:46 am
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