
15 जनवरी 2026 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं गंगा एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन, PC- Gemini
मेरठ : उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा और महत्वाकांक्षी गंगा एक्सप्रेसवे जनवरी में जनता के लिए खोल दिया जाएगा। मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और दिसंबर में इसका ट्रायल रन शुरू करने की तैयारी है। ट्रायल से पहले विशेषज्ञों की टीम पूरे रूट का निरीक्षण करेगी और आवश्यक सर्टिफिकेट जारी करेगी, जिसके बाद ट्रायल रन की तारीख घोषित की जाएगी।
उम्मीद है कि फाइनल टेस्टिंग पूरी होने के बाद प्रधानमंत्री 15 जनवरी को इस एक्सप्रेसवे का औपचारिक उद्घाटन कर सकते हैं। UPDA अधिकारियों के मुताबिक, मेरठ–बदायूं सेक्शन सहित ज्यादातर हिस्सा पूरी तरह तैयार है, सिर्फ उन्नाव के पास सेक्शन में लगभग दो प्रतिशत काम बाकी है जो कि कुछ दिनों में पूरा हो जाएगा। पूरे एक्सप्रेसवे पर कुल 1498 बड़े स्ट्रक्चर बनाए जाने थे जिनमें से 1497 का काम पूरा हो चुका है।
गंगा एक्सप्रेसवे रणनीतिक दृष्टि से भी बेहद अहम है। इस पर पांच जगहों पर फाइटर एयरक्राफ्ट लैंडिंग स्ट्रक्चर बनाए गए हैं, जबकि शाहजहांपुर में 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी तैयार की गई है, जहां आपात स्थिति में भारतीय वायुसेना के विमान उतर सकेंगे और उड़ान भर सकेंगे। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाता है और रास्ते में मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज कुल 12 जिलों से गुजरता है। इसके शुरू होने से दिल्ली, पश्चिमी यूपी और पूर्वांचल के जिलों के बीच यात्रा बेहद आसान हो जाएगी। यह लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से भी कनेक्ट होगा जिससे पूरे राज्य में सड़क कनेक्टिविटी और मजबूत बनेगी।
यात्रा समय की बात करें तो इस एक्सप्रेसवे पर अधिकतम 120 किमी प्रति घंटा की गति निर्धारित की गई है, जिससे मेरठ से प्रयागराज का सफर सिर्फ 6 से 7 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। यूपी में यह पहला एक्सप्रेसवे होगा जिसे आधिकारिक रूप से सबसे तेज एक्सप्रेसवे का दर्जा मिलेगा। इसकी लंबाई फिलहाल 594 किलोमीटर है, लेकिन भविष्य में इसे दो चरणों में विस्तार दिया जाएगा। एक ओर मेरठ से हरिद्वार तक और दूसरी ओर प्रयागराज से बलिया तक।
दोनों विस्तारों की कुल लंबाई लगभग 460 किलोमीटर होगी, जिसके बाद इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई करीब 1047 किलोमीटर हो जाएगी। मेरठ से हरिद्वार वाले हिस्से की लंबाई 110 से 150 किलोमीटर के बीच तय की जाएगी, जो मुजफ्फरनगर और रुड़की होते हुए हरिद्वार पहुंचेगा। दूसरी ओर प्रयागराज से आगे मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी और गाजीपुर होते हुए बलिया तक रूट प्रस्तावित है।
गंगा एक्सप्रेसवे के पहले चरण पर कुल 37,350 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जिसमें से 9500 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए गए। एक्सप्रेसवे पर 28 फ्लाईओवर, 126 छोटे पुल, 381 अंडरपास और रेलवे ओवरब्रिज समेत कुल 1498 बड़े स्ट्रक्चर शामिल हैं। इसके शुरू होने से मेरठ, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव और प्रयागराज जैसे जिलों के औद्योगिक विकास को भी तेजी मिलेगी। लॉजिस्टिक्स आसान होने से उद्योगों, व्यापार, पर्यटन और निवेश को गति मिलेगी।
Published on:
08 Dec 2025 04:45 pm
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