8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

श्रीकृष्ण की मीरा बनीं ‘पिंकी’, मूर्ति के साथ लिए फेरे, ढोल-नगाड़े बजे…गांव वाले बने घराती

Budaun News : उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक ऐसी शादी हुई है, जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है। यहां की रहने वाली एक युवती ने श्रीकृष्ण की प्रतिमा से विवाह किया।

2 min read
Google source verification

बदायूं की पिंकी ने श्रीकृष्ण की मूर्ति से किया विवाह, PC- X

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक ऐसी शादी हुई है, जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है। इस्लामनगर थाना क्षेत्र के ब्यौर कासिमाबाद गांव की 28 साल की पोस्ट-ग्रेजुएट युवती पिंकी शर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति से विधि-विधान के साथ विवाह रचा लिया। शादी में पूरा गांव “घराती” बना, ढोल-नगाड़े बजे, डीजे बजा, हल्दी-मेहंदी हुई और पिंकी ने गोद में कान्हा की मूर्ति लेकर सात फेरे भी लिए।

'बेटी की खुशी से बड़ा कुछ नहीं'

पिंकी की मां ने बताया, 'शुरू में तो बहुत अजीब लगा। हमने बहुत समझाया भी, लेकिन बचपन से ही वो कान्हा की इतनी बड़ी भक्त है कि रात-दिन भजन-कीर्तन ही करती रहती है। जब उसने कहा कि ‘मुझे तो केवल कान्हा से ही शादी करनी है’, तो हमने सोचा – बेटी की खुशी से बड़ा धर्म क्या है? फिर हमने पूरी श्रद्धा से शादी करवा दी।'

पिता ने बताया, 'पिंकी की इच्छा है कि वो वृंदावन में बिहारी जी के चरणों में रहे। इसलिए हम जल्द ही वृंदावन में उसका एक छोटा-सा घर ले रहे हैं। वो यहां भी रहेगी और वृंदावन भी जाएगी। उसका पूरा जीवन अब कान्हा की सेवा में समर्पित है।'

पिंकी ने क्या कहा?

कान्हा की दुल्हन बनी पिंकी ने आंखों में आंसू और चेहरे पर मुस्कान के साथ कहा, 'मैंने बचपन से ही कान्हा को अपना सबकुछ मान लिया था। वो मेरे सखा हैं, मेरे प्रेमी हैं, मेरे पति हैं। मैंने अपना तन-मन-धन सब उन्हें समर्पित कर दिया है। अब मेरा जीवन केवल उनकी सेवा और भक्ति में बीतेगा।'

शादी कराने वाले पंडित जी बोले

भक्ति में अपार शक्ति होती है। पिंकी ने श्रीकृष्ण को जीवनसाथी चुना है। पूरे परिवार और गांव की सहमति से हमने सभी मंत्रों के साथ वैदिक रीति से विवाह संपन्न कराया। यह अद्भुत भक्ति का प्रतीक है।

पूरे गांव ने इस शादी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कोई हल्दी लगाने आया, कोई मेहंदी, कोई बाराती बना तो कोई घराती। शादी के बाद प्रसाद के रूप में पूड़ी-सब्जी और हलवा बंटा। अब गांव वाले प्यार से कहते हैं - हमारी पिंकी तो साक्षात् मीरा बन गई।