मेरठ। मेरठ के ऐतिहासिक भैसाली मैदान में दशहरे पर रावण वध हुआ। बुराई के प्रतीक रावण और उसके बेटे और भाई को जलता देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। पूरा मैदान लोगों से भर गया। रावण दहन के कार्यक्रम से भाजपा नेताओं की भारी संख्या में मौजूदगी रही वहीं अन्य पार्टी के नेताओं ने दूरी बनाकर रखी। अन्य पार्टी के नेता मैदान नहीं पहुंचे। मंच से भगवान लक्ष्मण स्वरूप ने पहला तीर मेघनाथ पर चलाया। तीर लगते ही मेघनाथ धूं-धूं कर जलने लगा। इसके बाद रावण के भाई कुंभकरण को भगवान राम स्वरूप द्वारा चलाया गया तीर लगा और उसका पुतला जलने लगा। अंत में भगवान राम ने रावण को तीर मारा। तीर लगते ही रावण का पुतला जल उठा और उसमें रखे पटाखे चलने लगे। रावण के जलते ही जय श्री राम-जय श्री राम का उद्घोष होने लगा।
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