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लिफाफे में कारतूस भेजकर 20 लाख की रंगदारी मांगने वाला पकड़ा गया, खुद को पकड़वाने में भी कर दिया खेल

मेरठ के किठौर क्षेत्र के व्यापारी से मांगी थी रंगदारी, मच गया था हड़कंप

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meerut

मेरठ। 'मैं मोनू जाट, सेठ मुझे 20 पेटी की जरूरत आन पड़ी है, पुलिस को मत बताना, पुलिस हर समय साथ नहीं रहती, नहीं तो तेरे दोनों बेटों का काम खत्म हो जाएगा। तेेरे पास तीन दिन का समय है। पैसा गांव के बाहर एक प्लाॅट के पास गड्ढे में रख देना आैर अपनी दुकान के बाहर लाल कपड़ा लगा देना, जिससे वह समझ जाए कि पैसा मिल जाएगा।' शनिवार को यह चिट्ठी मेरठ के कस्बा किठौर के व्यापारी विपिन कंसल के नौकर को एक मुंह पर कपड़ा आैर बाइक पर हेल्मेट लगाए व्यक्ति व्यापारी के नौकर को देकर आ गया था। मेरठ के प्रीत विहार निवासी विपिन कंसल का किठौर के हसनपुर कलां में बिल्डिंग मैटीरियल आैर टैंट हाउस है। यह चिट्ठी जेल में बंद कुख्यात माेनू जाट आैर सुमित जाट के नाम से थी आैर इस चिट्ठी के साथ लिफाफे में जिंदा कारतूस भी था।

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मोनू जाट नहीं निकला शातिर मोनू गुर्जर

इस चिट्ठी के मिलने के बाद पुलिस ने अपनी जांच आैर धरपकड़ तेज कर दी थी। इसकी जानकारी चिट्ठी में रंगदारी मांगने वाले को लगातार मिल रही थी। बताते हैं कि मेरठ पुलिस उसे पकड़ने ही वाली ही थी कि गाजियाबाद के कवि नगर थाने में सेटिंग करने के बाद वह गिरफ्तार हो गया आैर जेल भेज दिया गया। एसपी राजेश कुमार ने बताया कि विपिन कंसल को यह चिट्ठी मोनू जाट आैर सुमित जाट ने नहीं बल्कि क्षेत्र के ही शातिर बदमाश मोनू गुर्जर ने भिजवायी थी। हापुड़ के सिंभावली के गांव शरीफपुर के रहने वाले माेनू गुर्जर पर लूट, चोरी, रंगदारी समेत 15 मुकदमें दर्ज हैं। एसपी देहात ने बताया कि मोनू गुर्जर को पुलिस पकड़ने ही वाली थी कि वह गाजियाबाद के कवि नगर थाने में गिरफ्तार हुआ है। व्यापारी के नौकर ने वहां जाकर रंगदारी मांगने वाली की पहचान की है, उसे जेल भेज दिया गया है।

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बदमाश को सता रहा था यह डर

20 लाख रुपये की रंगदारी मांगने वाले शातिर मोनू गुर्जर ने गाजियाबाद जनपद में सेटिंग से गिरफ्तार करार्इ बताते हैं। यह शातिर ने इसलिए भी किया क्योंकि यदि उसे मेरठ पुलिस पकड़ लेती तो मेरठ के जिला कारागार में उसे भेजती है। जिन दो कुख्यातों मोनू जाट आैर सुमिट जाट के नाम से उसने व्यापारी से रंगदारी मांगी थी, ये दोनों बदमाश मेरठ जेल में बंद हैं। शातिर मोनू गुर्जर को डर था कि यदि मेरठ पुलिस उसे पकड़ेगी तो मोनू व सुमित जाट के पास मेरठ जेल में जाना पड़ेगा आैर वहां उसके साथ कुछ भी हो सकता है। इसलिए उसने गाजियाबाद जनपद खुद को पकड़वाने के लिए चुना आैर कवि नगर थाने की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जनपद की जेल में भेज दिया।