
मेरठ। टीबी रोगियों को तलाशने का काम फरवरी के अंतिम सप्ताह मे शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही मेरठ जिले को टीबी से मुक्त घोषित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी कर ली है। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर पहुंचेंगी। लोगों से बातचीत कर टीबी के लक्षण वाले लोगों से मौके पर ही नमूने लिए जाएंगे।
टीबी मिलने पर उपचार किया जाएगा
टीबी रोग के खात्मे के लिए असरदार कार्रवाई के उद्देश्य से सरकार ने एसीएफ (एक्टिव केस फाइंडिग) अभियान लांच किया है। मेरठ सहित प्रदेश के 50 जिलों में यह अभियान 26 फरवरी से एकसाथ शुरू हो रहा है। जो 10 मार्च तक चलाया जाएगा। अभियान उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में चलाया जाएगा। जहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घर-घर भेजे जाएंगे। ये कर्मचारी घर जाकर लोगों से सदस्यों तथा उनके स्वास्थ्य को लेकर जानकारी करेंगे। अगर किसी को अधिक समय से खांसी, बार-बार बुखार, कमजोरी, वजन घटने आदि के लक्षण बताए जाते हैं तो कर्मचारी जांच कराने के लिए उनका स्पुटम सेंपल प्राप्त करेंगे। जिन्हें संबंधित जांच केंद्र को उपलब्ध करा दिया जाएगा। जांच में क्षय रोग के लक्षण मिलने पर टीमें रोगी के उपचार की प्रक्रिया शुरू कराएंगी।
ये टीमें काम करेंगी
सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि इनमें आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, डॉट प्रोवाइडर्स के अलावा कम्यूनिटी वालंटियर्स भी शामिल किए जाएंगे। हर टीम में तीन कर्मचारी रखे गए हैं। वहीं इन टीमों के कार्यों की मॉनीटरिंग करने के लिए सुपरवाइजर भी तैनात रहेंगे। जिनमें पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम से संबंधित कर्मचारी होंगे। उन्होंने बताया कि इस तरह का अभियान पहली बार चलाया जा रहा है। निश्चित रूप से इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। कई लोग लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं, जिनकी समय से जांच नहीं हो पाती और बीमारी की गंभीरता बढ़ती है। इस अभियान में ऐसे सभी लोगों की तत्काल जांच ही नहीं, इलाज भी शुरू कराया जाएगा।
Published on:
22 Feb 2018 06:41 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
