scriptChaitra Navratri 2022 : नवरात्र में ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग, कालसर्प दोष से परेशान हैं तो इन नौ दिन करें ये काम | Chaitra Navratri 2022 start 2nd April, this is Ghat sthaapana Muhurta | Patrika News

Chaitra Navratri 2022 : नवरात्र में ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग, कालसर्प दोष से परेशान हैं तो इन नौ दिन करें ये काम

locationमेरठPublished: Mar 29, 2022 08:59:44 am

Submitted by:

Kamta Tripathi

Chaitra Navratri 2022 मां दुर्गा सुख-समृद्धि,ऐश्वर्य की देवी कही जाती हैं। चैत्र नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने से दुख दूर होते हैं। इससे हर मनोरथ पूरे होते हैं। इस बार चैत्र नवरात्र 2022 शनिवार से प्रारंभ हो रहे हैं और देवी घोड़े पर सवार आती हैं तो इसको बहुत शुभ माना जाता है। इससे देश और दुनिया पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इन नौ दिन देवी दुर्गा कुम्हार के घर वास करेंगी ओर फिर नवें दिन भैंसे पर सवार होकर वापस जाएगी।

Chaitra Navratri 2022 : चैत्र नवरात्र 2022 : नवरात्र में ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग, कालसर्प दोष से परेशान इन नौ दिन करें ये काम

Chaitra Navratri 2022 : चैत्र नवरात्र 2022 : नवरात्र में ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग, कालसर्प दोष से परेशान इन नौ दिन करें ये काम

Chaitra Navratri 2022 चैत्र नवरात्र 2022 इस बार पूरे नौ दिन के हैं। चैत्र नवरात्रि की प्रत्येक तिथि पूर्ण रूप से व्याप्त होगी। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि पूरे नौ दिनों हों तो इसको बेहद शुभ माना गया है। नवरात्र के नौ दिनों में देवी की आराधना की जाती है। इससे सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है वे इन नवरात्र काले तिल बहते जल में प्रवाह करें। उन्हें निश्चित ही लाभ होगा और सभी बिगड़े काम बनेंगे। मां दुर्गा सुख-समृद्धि,ऐश्वर्य की देवी कही जाती हैं नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने से दुख दूर होते हैं। इससे हर मनोरथ पूरे होते हैं। नवरात्र शनिवार को प्रारंभ होते हैं और देवी घोड़े पर सवार आती हैं तो इसको बहुत शुभ माना जाता है। इससे प्रकृति, देश और दुनिया पर प्रतिकूल असर पड़ता है।

ये है घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्र पर घटस्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात: 6.01 से 8.31 बजे तक है। जबकि अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 से 12.50 बजे तक है। घटस्थापना के बाद पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होगी। नवरात्र के दौरान ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग बनेगा। इन नवरात्र में चार सर्वार्थ सिद्धि, सात रवियोग तथा एक रविपुष्य योग होने महत्ता बढ़ गई है। इन संयोग में मां भगवती की पूजा, अर्चना करने के साथ भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से घरों में सुख-शांति व समृद्धि बनी रहती है। नवरात्रि के मौके पर मकर राशि में न्यायप्रिय शनि, मंगल के साथ कुंभ राशि में गुरु, मीन राशि में सूर्य व बुध का गोचर होने पराक्रम में वृद्धि, कार्य में सफलता मिलेगी।
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मीन लग्न में प्रारंभ हो रहे नवरात्र
सूर्योदनी चैत्र नवरात्र मीन लग्न में प्रारम्भ हो रही है। लग्न में बुधादित्य योग तो है किन्तु चन्द्रमा व सूर्य लगभग 9 अंश में युति बनाकर अमावस्या जैसा प्रभाव दे रहे है साथ ही चन्द्रमा बुध पर आघात कर रहा है। राहु धन-परिवार के घर में अशुभ रूप से विराजे हुए हैं तथा वासुकि कालसर्प दोष के निर्मित होने के कारण भारी विरोधाभास की स्थिति बनी हुई है।
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