
उपचुना Result: मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के बाद हुकुम सिंह के गढ़ में गठबंधन की सेंध ने बदली जमीन
मेरठ। कैराना उपचुनाव में गठबंधन फिर भाजपा पर भारी पड़ा है। गोरखपुर में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का गढ़ था, तो कैराना स्वर्गीय हुकुम सिंह का गढ़। दोनों ही गढ़ों में गठबंधन का परचम लहराया है। सत्तारुढ़ भाजपा ने गोपनीय रणनीति आैर जोरदार चुनाव प्रचार में कहीं भी कोर्इ कसर नहीं छोड़ी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य , विधायक संगीत सोम समेत पूरा अमला कैराना में भाजपा उम्मीदवार मृगांका सिंह को जिताने के दावे के साथ चुनाव प्रचार कर रहे थे, लेकिन गुरुवार को जब उपचुनाव के नतीजे आए, तो इनके सारे दावे आैंधे मुंह गिरे।
भााजपा ने कोर्इ कसर नहीं छोड़ी
कैराना उपचुनाव के मतदान के दिन तक भाजपा के वरिष्ठ नेताआें ने जिस तरह करीब एक महीने से डेरा डाल रखा था, उससे भाजपा को जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। इसके बाद स्टार प्रचारकों ने रही सही कसर पूरी कर दी थी। इसके बावजूद रालोद, कांग्रेस, सपा आैर बसपा के गठबंधन ने भाजपा के सारे दावों पर सेंध लगा दी। रालोद की उम्मीदवार तबस्सुम हसन की इतनी बड़ी जीत से खुद पार्टी को भी संजीवनी नहीं मिली बल्कि अगले लोक सभा चुनाव के लिए नर्इ राह मिली है। साथ ही गठबंधन की अन्य पार्टियों को भी काफी फायदा मिलने की उम्मीद बतायी जा रही है।
यह भी किया था भाजपा ने
चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने अपनी उम्मीदवार मृगांका सिंह के पक्ष में वोट डालने और भाजपा का कैडर वोट अधिक से अधिक संख्या में मतदान स्थल पर पहुंच सके इसके लिए पूरी रणनीति तैयार की थी। भाजपा ने घर से वोट निकालने के लिए बड़े नेताओं के साथ संगठन की ओर से पन्ना प्रमुख और बूथ प्रभारी दोनों की जिम्मेदारी वोटरों को बूथ तक लाकर वोट डलवाने की थी। इसके साथ ही वार्ड प्रभारी की जिम्मेदारी भी तय की गई थी। ये वार्ड प्रभारी अपने-अपने वार्ड में हर एक घंटे में पड़े वोटों की जानकारी कर उसका प्रतिशत लोकसभा चुनाव प्रभारी को देते रहे।
Published on:
31 May 2018 03:15 pm
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