
मेरठ। मेरठ में तेल के खेल में भले ही तेल माफिया संजय की अग्रिम जमानत हो गई हो, लेकिन कानून का शिकंजा अभी भी उसके पीछे पड़ा हुआ है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री व मेरठ के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस पूरे मामले में कहा कि तेल के खेल में कोई भी आरोपी नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि एसआईटी गठित की गई है। अगर यह एसआईटी भी ठीक तरह से काम नहीं करेगी तो इसके ऊपर भी दूसरी एसआईटी बैठा दी जाएगी। मंत्री को मेरठ से गए 24 घंटे भी नहीं बीते कि डीएसओ पर गाज गिर गई। इसके साथ ही दो अन्य अधिकारियों के भी स्थानांतरण कर दिए गए। बता दें कि नकली पेट्रोल और अवैध केरोसिन के स्टाक के मामले में सीएम को गोपनीय जांच रिपोर्ट मिलने के बाद लापरवाह अफसरों पर गाज गिरी है। डीएसओ का स्थानांतरण करने के साथ ही जांच बिठा दी गई है। अभी पुलिस-प्रशासन के कई बड़े अधिकारी भी निशाने पर हैं। इस रिपोर्ट को लेकर अफसरों में खलबली मची हुई है।
गुरुवार की सुबह पुलिस-प्रशासन के कार्यालयों में सीएम को भेजी गई रिपोर्ट चर्चा में रही। रिपोर्ट किसने बनाई, रिपोर्ट में दोषी अफसरों की सूची में और कौन-कौन हैं, इसे लेकर कयास भी शुरू हो गए हैं। हालांकि जांच रिपोर्ट को लेकर मेरठ के आलाधिकारी अनजान बने रहे। इस बीच पुलिस की जांच फिलहाल तेज गति से चल रही है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन को भी बेहिसाब तेल बरामदगी को लेकर खोदाई का काम करना था, लेकिन अभी तक इस दिशा में भी कोई प्रगति नहीं है। मिलावटी तेल की आशंका को देखते हुए लैबों में भेजी गई जांच रिपोर्ट भी अभी तक नहीं आयी है।
Published on:
20 Sept 2019 06:38 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
