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सीएम योगी गांव की सफार्इ से संतुष्ट नहीं, अब उठाया यह कड़ा कदम!

किसी गांव में मिली गंदगी या जलभराव, तो गिरेगी ग्राम प्रधान आैर पंचायत कर्मचारी पर गाज

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मेरठ। ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई दुरूस्त न होने के कारण प्रतिवर्ष जल जनित रोगों के नियंत्रण और उनकी रोकथाम में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस कारण जल जनित रोग बेकाबू हो जाते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी का रूप धारण कर लेते हैं। जन जनित रोगों से निपटने और ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई की ओर योगी सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है। सरकार का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से न होने के कारण ही जल जनित रोग तेजी से फैलते हैं। अब अगर ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई ठीक नहीं मिली तो ग्राम प्रधान और संबंधित पंचायत कर्मचारी पर गाज गिरेगी।

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अफसरों के घर की सफाई नहीं कर सकेंगे

पंचायती राज अनुभाग संख्या तीन के माध्यम से शासन के अपर मुख्य सचिव पंचायती राज चंचल कुमार तिवारी ने सभी जिलाधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारियों को भेजे शासनादेश में साफ किया है कि कोई भी सरकारी सफाई कर्मी अधिकारी के घर की सफाई नहीं करेगा। विशेष कारणों से अगर सफाईकर्मी कार्यालय एवं अधिकारियों के घरों पर लगाए गए हैं तो तत्काल ऐसे सफाई कर्मियों को उनके तैनाती स्थल पर भेजा जाए।

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कहीं दिखा जलभराव तो होगी कार्रवाई

शासनादेश में कहा गया है कि जल स्रोतों को ठीक करने के लिए विशेष अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हैंडपम्प के चबूतरे क्षतिग्रस्त न हो, जिससे पानी का सीवेज न हो सके। प्रयोग किए गए जल की निकासी को नाली के माध्यम से गांवों से दूर बाहर निकाला जाए। कुओं और नलों में डिसइन्फेक्शन के लिए क्लोरोफिकेशन के बाद एच टू एस वायल द्वारा जल निगम के सहयोग से जल की गुणवत्ता की जांच बरसात से पहले करा ली जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जनता को गुणवत्ता युक्त जल प्राप्त हो रहा है।

अप्रैल में चलाया जाएगा स्वच्छता पखवाड़ा

स्वच्छता के लिए एक माह का विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें सामुदायिक जागरुकता के लिए ग्रामीण क्षेत्र में प्रयास किए जाएंगे। इसमें लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में अगर कहीं जलभराव या गंदगी मिलती है तो इसके लिए सीधे ग्राम प्रधान एवं पंचायत कर्मचारियों को दोषी ठहराया जाएगा।

कार्य योजनाओं की रिपोर्ट मांगी

स्वास्थ्य विभाग को भी कार्य योजनाओं की रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। सरकार का मानना है कि जिले में स्वास्थ्य विभाग को पता होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किस स्थान पर कौन सी बीमारी अधिक फैलती है और बीमारी फैलने के कारण क्या-क्या है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग को भी कहा गया है कि वह अपने-अपने ऐसे क्षेत्रों की रिपोर्ट बनाकर मई 2018 तक भेज दें। इससे बरसात से पहले रोगों से निपटने के सभी उपाय प्राथमिकता के आधार पर कर लिए जाए।

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