
ईस्टर्न पैरिफेरल का उद्घाटन करने पहुंचे सीएम योगी ने पीएम के सामने ही कह दी यह बात
बागपत. ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने लिए बागपत पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे देश का ऐसा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे है, जो उत्तर प्रदेश के बागपत, गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद इन सब क्षेत्रों में भी विकास की नए आयामों को स्थापित करने की दिशा में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के अवसर पर प्रधानमंत्री का उत्तर प्रदेश की जनता की तरफ से अभिनंदन करते हुए आभर व्यक्त किया। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय पूरे देश के अंदर जिस तेज गति से राजमार्गों के निर्माण कार्यों को आगे बढ़ रहा है, इससे उत्तर प्रदेश को भी भारी लाभ हुआ है। अनेक राजमार्गों के कार्यों में एक नई गति देखने को मिली है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 910 दिन लगने थे, जिसे मात्र 500 दिनों के अंदर पूरा किया गया है। केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने जो एक नई कार्य संस्कृति को जन्म दिया है। मैं इसके लिए केन्द्रीय मंत्री गडकरीका का हृदय से अभिनंदन करता हूं। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत 8 लाख 85 हजार गरीबों को आवास उपलब्ध कराया गया है। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत एक वर्ष में 57 लाख से अधिक गरीबों को शौचालय, 40 लाख गरीबों को सौभाग्य योजना के अंतर्गत बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारे देश ने जो नई ऊंचाइयां छुई है, इसके लिए उनका हृदय से अभिनंदन करते हुए चार वर्ष के सफलतम कार्यकाल के लिए हृदय से कोटि-कोटि बधाई भी देता हूं। इस मौके पर केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस एक्सप्रेस-वे को देशी इंजीनियरिंग की मिसाल बताया। इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर भी मौजूद थे। गौरतलब है कि 11,000 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे की लंबाई 135 किलोमीटर है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने अपने 4 साल के काम-काज का लेखा-जोखा भी पेश किया। इस दौरान उनका मुख्य फोकस किसान और दलित व पिछड़ी जातियों पर रहा। प्रधानमं६ी ने अपने भाषण में कहा कि मैं यहां के गन्ना किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार उनकी दिक्कतों के प्रति संवेदनशील है और बहुत कड़ाई के साथ गन्ना किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन हमें पता है कि इसमें किस तरह का खेल होता है, इसलिए ये राशि चीनी मिलों को न देकर सीधे गन्ना किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। इससे गन्ना किसानों का पैसा चीनी मिलों में फंसेगा नहीं। गन्ना किसानों को चीनी मिलों से बकाया मिलने में देरी न हो, इससे जुड़ा एक बड़ा फैसला हाल में लिया गया है। सरकार ने तय किया है कि प्रति क्विंटल गन्ने पर 5 रुपए 50 पैसे की आर्थिक मदद चीनी मिलों को दी जाएगी। इससे गन्ने के 5 करोड़ किसानों को सीधा लाभ हुआ था। इथेनॉल से जुड़ी पॉलिसी में बड़ा बदलाव करते हुए अब पेट्रोल में इथेनॉल की 10 प्रतिशत ब्लेन्डिंग को भी स्वीकृति दी जा चुकी है। यहां के गन्ना किसानों के लिए भी हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है। पिछले वर्ष ही हमने गन्ने का समर्थन मूल्य लगभग 11 प्रतिशत बढ़ाया था।
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इसके अलावा यूरिया की सौ प्रतिशत नीम कोटिंग, प्रधानमंत्री सिंचाई परियोजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में विस्तार से भी किसान को लाभ पहुंचा है। किसान को लागत का डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य भी हमारी सरकार ने सुनिश्चित करना तय किया है। हमारी सरकार ग्रामोदय से भारत उदय की अवधारणा पर काम कर रही है। जब हम ग्रामोदय की बात करते हैं तो उसका केंद्र बिंदु मेरे देश का अन्नदाता, मेरा किसान है। इस वर्ष बजट में गांव और खेती से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 14 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। मैं तो सुन रहा हूं कि अब किसानों के बीच भी एक झूठ फैलाया जा रहा है कि जो किसान खेत ठेके पर या बंटाई पर देगा, उससे 18 प्रतिशत जीएसटी लिया जाएगा। मैं अपने किसान भाइयों से कहना चाहता हूं कि ऐसी किसी अफवाह पर ध्यान नहीं दें, बल्कि जो अफवाह फैलाए, उसकी प्रशासन से शिकायत भी करें। ये तक नहीं सोचते कि उनके झूठ की वजह से देश में किस तरह की अस्थिरता पैदा हो सकती है। चाहे दलितों पर अत्याचार से जुड़े कानून की बात हो या फिर आरक्षण की बात, झूठ बोलकर, अफवाह फैलाकर ये लोगों को भ्रमित करने की साजिश करते रहे हैं। आज देश के लोग देख रहे हैं कि अपने सियासी फायदे के लिए ये लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी खुलेआम झूठ बोल जाते हैं। जब हमारी सरकार गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देती है, तो भी ये उसका मजाक उड़ाते हैं। जब गरीब के लिए बैंक खाते खुलते हैं, तब भी इन्हें मजाक लगता है। पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार में सत्ता देखने के आदी ये लोग गरीब के लिए किए जा रहे हर काम को मजाक समझते हैं। इन्हें देश का विकास भी मजाक लगता है। उन्हें स्वच्छ भारत के लिए किया गया काम मजाक लगता है, उन्हें गरीब महिला के लिए बनाया गया शौचालय मजाक लगता है।
कांग्रेस पर भी बोला हमला
सच्चाई ये है कि गरीबों के लिए, दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों के लिए जो भी कार्य किया जाता है, कांग्रेस और उसके साथ चलने वाले दल या तो उसमें रोड़े अटकाने लगते हैं, या उसका मजाक उड़ाते हैं। सरकार ने पिछड़ी जातियों के सब-कैटेगराइजेश के लिए कमीशन के गठन का निर्णय भी किया है। सरकार चाहती है कि OBC समुदाय में जो अति पिछड़े हैं, उन्हें सरकार और शिक्षण संस्थाओं में तय सीमा में रहते हुए आरक्षण का और ज्यादा फायदा मिले।
दलितों के अत्याचार से जुड़े मामलों की तेज सुनवाई के लिए Special Courts का गठन किया जा रहा है। दलित और पिछड़े भाई-बहनों के लिए अवसरों के साथ-साथ उनकी सुरक्षा और न्याय के लिए भी बीते चार वर्षों में कई काम किए गए हैं। दलितों पर अत्याचार के कानून को हमने और कड़ा किया है। मैं आपको अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि जिनके मन में स्वार्थ है वो सिर्फ घड़ियाली आंसू बहाने वाली राजनीति करता है। वो लोकलुभाव राजनीति करता है। लेकिन जो सही मायनों में आपके हित में सोचता है, वो लोकहित की राजनीति करता है। ये हमारी सरकार के लिए सौभाग्य की बात है कि हम बाबा साहब आंबेडकर से जुड़े पांच स्थानों को पंच तीर्थ के तौर पर विकसित कर रहे हैं। दलितों और पिछड़ों के सशक्तिकरण और सम्मान के लिए बीते चार वर्षों में एक के बाद एक कई कदम उठाए गए हैं। चाहे वो स्वरोज़गार हो या फिर सामाजिक सुरक्षा, आज अनेक योजनाएं इस दिशा में काम कर रही हैं।
Published on:
27 May 2018 03:22 pm
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