
सपा-बसपा के गठबंधन पर बोले कांग्रेस के पूर्व विधायक- दोनों दलों से घबराने की नहीं है जरूरत, देखें वीडियो
केपी त्रिपाठी, मेरठ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बसपा का आम चुनाव पूर्व गठबंधन हो चुका है। इस गठबंधन पर शनिवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुहर लग चुकी है। इस गठबंधन से कांग्रेस और रालोद दूर ही रहे। वर्ष 2017 में जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब सपा और रालोद मिलकर चुनाव लड़े थे। सपा मुखिया अखिलेश यादव और रालोद केे जयंत चौधरी ने साथ-साथ चुनावी रैलियां की थी, लेकिन इस बार सपा और बसपा ने कांग्रेस और रालोद को अपने गठबंधन से दूर रखा है। वहीं मेरठ शहर से कांग्रेस के पूर्व विधायक और वयोवृद्ध नेता पंडित जय नारायण शर्मा ने इस गठबंधन पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त की।
पंडित जय नारायण शर्मा ने कहा कि अभी हाल ही में पांच सूबों में चुनाव हुए, जिनमें तीन सूबों में कांग्रेस आई। वहां पर सपा को कोई जानता ही नहीं और बसपा आंशिक रूप से चुनाव लड़ी। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां चाहती थी कि वे राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में चुनाव जीतकर उप्र में कांग्रेस से मोलभाव करें। मगर ये हो न सका। उन्होंने कहा कि तीनों राज्यों में बसपा और सपा की क्या हालत हुई यह किसी से छिपी नहीं है।
उन्होंने कहा कि दोनों दल अपने वजूद को बचाने के लिए ही गठबंधन की राह पर चल पड़े हैं। उन्होंने कहा कि इस दोनों दलों का देश और देश की एकता-संप्रभुता से कोई मतलब नहीं है। ये अपने दलों को जिंदा रखना चाहता है। इसलिए गठबंधन की राह पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इनको आने वाले समय में कांग्रेस से अधिक खतरा महसूस हो रहा है। यूपी के अलावा इन दलों को और किसी राज्य में कोई जानता भी नहीं है। इसलिए इनके गठबंधन से घबराने की कोई बात नहीं है।
Published on:
12 Jan 2019 03:47 pm
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