
मेरठ। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) और उनके पिता मोतीलाल नेहरू (Motilal Nehru) के खिलाफ आपत्तिजनक वीडियो बनाने और उसे शेयर करने के मामले में अभिनेत्री पायल रोहतगी (Payal Rohtagi) को कोर्ट ने 24 दिसंबर तक के लिए जेल की सजा सुनाई। पुलिस ने सोमवार को कोर्ट में पेश किया था। बूंदी की एडीजे कोर्ट ने पायल को जमानत दे दी। इस मामले पर कांग्रेसी नेताओं के अलावा विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
कांग्रेस के विधायक पंडित जयनारायण शर्मा का कहना है कि किसी को भी शालीनता के दायरे में अपनी अभिव्यक्ति करने का अधिकार है। देश के महापुरुषों चाहे वह किसी भी पार्टी का हो, उसका सम्मान करना चाहिए। किसी भी महापुरुष के बारे में यदि किसी के विचार अच्छे नहीं हैं तो खुले तौर पर कहना नहीं चाहिए।
वरिष्ठ अधिवक्ता गजेंद्र सिंह धामा का कहना है कि हर व्यक्ति को अपनी अभिव्यक्ति का अधिकार है। अभिव्यक्ति से किसी को मानसिक क्षति होती है तो वह मुकदमा कायम कर सकता है। अदालत में अभिव्यक्ति करने वाले को साबित करना होगा। अभिव्यक्ति ऐसी होनी चाहिए कि किसी को मानसिक क्षति न पहुंचे। कानून में अभिव्यक्ति की आजादी का ये मतलब नहीं कि किसी को मानसिक क्षति या कष्ट पहुंचे। इसलिए सारी बातें देखकर लोगों को अभिव्यक्ति करनी चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवनीत नागर का कहना है कि यह झूठी पब्लिसिटी हासिल करने के लिए पायल रोहतगी का स्टंट है। बड़े लोगों और महापुरुषों पर कीचड़ उछालने का प्रचलन बढ़ रहा है। पायल रोहतगी के ऐसा करने से पंडित जवाहर लाल नेहरूर और उनके पिता मोतीलाल नेहरू की महत्ता खत्म नहीं हो जाती। जब दुनिया उन्हें महान बता रही है तो अपने ही देश के लोग इस तरह की कीचड़ उछाल रहे हैं।
Published on:
18 Dec 2019 01:00 pm
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