
मेरठ। रविवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU Delhi) में हाॅकी और डंडों से लैस नकाबपोश बदमाशों ने कैंपस में छात्रों और शिक्षकों के साथ हमला कर दिया था। इसमें छात्र संघ अध्यक्ष और शिक्षकों समेत 25 लोग घायल हो गए। छात्र संघ ने एबीवीपी पर मारपीट और तोड़फोड़ का आरोप लगाया है, जबकि एबीवीपी ने लेफ्ट विंग के छात्रों का हाथ बताया है। इस घटना के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने घायलों से बातचीत की। मेरठ के कांग्रेसी नेताओं (Congress Leaders) ने इसे गहरी साजिश और डंडे के दम पर लोकतंत्र में आवाज दबाने की कोशिश बताया।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पंडित नवनीत नागर का कहना है कि जेएनयू में नकाबपोशों का हमला गहरी साजिश दिखाई पड़ रही है, क्योंकि दिल्ली राज्य में चुनाव होने हैं। जेएनयू वामपंथियों विचारधारा के लिए माना जाता है। पहले भी जेएनयू में इसी तरह हमले हो चुके हैं। इस बार पुलिस के सहयोग के सहारे डंडे के दम पर लोकतंत्र में आवाज दबाने का प्रयास किया गया है। यह छात्रों को डराकर उनकी आवाज दबाने का प्रयास है। इसके पीछे गहरी साजिश है, अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच हो तो सबकुछ साफ हो जाएगा।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अभिमन्यु त्यागी का कहना है कि भाजपा सरकार आने वाले समय में कुछ और बिल लाने की तैयारी कर रही है। विरोध स्वर शांत हों, इसके लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है। साथ ही दिल्ली में चुनाव हैं। इन चुनाव में भाजपा को कुछ हासिल नहीं होने वाला तो उन्होंने पुलिस और डंडे के दम पर छात्रों को धमकाना शुरू कर दिया है। घटना होने के बाद पुलिस भी देर से पहुंची। दिल्ली में विकास के लिए शीला दीक्षित का ही नाम लिया जाता है, इसलिए कांग्रेस की आवाज को दबाने का भी प्रयास है।
Published on:
06 Jan 2020 11:58 am
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