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रिश्वत लेता पकड़ा गया हेड कांस्टेबल, एसएसपी ने इंस्पेक्टर को भी बनाया आरोपी

एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि थाने के हेडकांस्टेबल और इंस्पेक्टर ट्रक चोरी के मामले में पूछताछ के लिए लाए गए खतौली के वकार को छोड़ने के एवज में एक लाख की रिश्वत मांग रहे थे।

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मेरठ

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Nitish Pandey

Sep 01, 2021

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मेरठ. उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एसएसपी प्रभाकर चौधरी के जाल में एक हेड कांस्टेबल और इंस्पेक्टर फंस गए। मेरठ के थाना सदर बाजार का हेड कांस्टेबल मनमोहन 30 हजार की रिश्वत लेता रंगे हाथों पकड़ा गया। इस मामले में थाना सदर बाजार इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा को भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के मुकदमे में आरोपित बनाया है। रिश्वत लेते हुए हेड कांस्टेबल को एसएसपी प्रभाकर चौधरी द्वारा बनाई टीम ने रंगे हाथों दबोचा।

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मुकदमे की विवेचना में वसूली का आरोप

उधर हेड कांस्टेबल की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर सदर बाजार बिजेंद्र राणा ने प्रयागराज की राह पकड़ ली। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में सबूत के आधार पर सदर बाजार के हेड कांस्टेबल और इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि दोनों ट्रक चोरी के मुकदमे की विवेचना में वसूली कर रहे थे।

एसपी सिटी की टीम ने किया गिरफ्तार

एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि थाने के हेडकांस्टेबल और इंस्पेक्टर ट्रक चोरी के मामले में पूछताछ के लिए लाए गए खतौली के वकार को छोड़ने के एवज में एक लाख की रिश्वत मांग रहे थे। पचास हजार की रकम पहले ही हेड कांस्टेबल मनमोहन को दी जा चुकी थी। बाकी की रकम हेड कांस्टेबल मनमोहन को दी जानी थी। खतौली का वकार शाम चार बजे थाने के बाहर पोस्ट ऑफिस के सामने मनमोहन को बाकी रकम देने पहुंचा। तभी एसपी सिटी की टीम ने मनमोहन को तीस हजार की रकम के साथ पकड़ लिया।

एसएसपी ने दिए आवास की तलाशी के आदेश

रिश्वतखोर हेड कांस्टेबल मनमोहन को एसएसपी प्रभाकर चौधरी के सामने पेश किया गया। जिसमें उसने बताया कि इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा के कहने पर वह रुपये लेने गया था। उसने बताया कि इंस्पेक्टर इससे पहले भी ट्रक मालिक और चालक को छोड़ने की एवज में तीन लाख की रकम वसूल चुके हैं। एसएसपी ने इंस्पेक्टर के आवास की तलाशी लेने के आदेश दिए।

अवैध वसूली को इंस्पेक्टर ने बताया बेबुनियाद

हेडकांस्टेबल की गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही इंस्पेक्टर ने एसएसआइ को थाने का चार्ज दिया और हाईकोर्ट में सीए दाखिल करने की बात पुलिस के वाट्सएप ग्रुप पर डालकर निकल गए। देर रात हेड कांस्टेबल और इंस्पेक्टर के खिलाफ सदर बाजार थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया। वहीं इस मामले में इंस्पेक्टर सदर बाजार ने खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन पर जो वसूली का आरोप लगाया है तो वह बेबुनियाद है।

BY: KP Tripathi

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