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Corona New Variant कोरोना की तीसरी लहर लाने वाला ओमिक्रॉन वेरिएंट इस वायरस का आखिरी वैरिएंट नहीं है। इसके अलावा भी अन्य वेरिएंट सामने आ सकते हैं। आने वाले नए वैरिएंट पहले की तुलना में अधिक संक्रामक और जानलेवा साबित हो सकते हैं। ऐसा कहना है डा0 राहुल भार्गव का। डा0 राहुल भार्गव ने बताया कि ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट के ही अब तक चार म्यूटेशन सामने आ चुके हैं। इन पर नजदीकी निगाह रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना के मामले में देखा जा रहा है कि ये किस-किस तरह से अपना रूप बदल रहे हैं या आगे बदलने की कोशिश करते हैं।
डा0 भार्गव ने बताया कि कुछ वायरस के बारे में काफी जानकारियां हैं। लेकिन सब कुछ पता नहीं है। जैसा कि हमने अब तक देखा है,हर नया वेरिएंट अपने साथ कुछ न कुछ नई चीजें,नए लक्षण,नई खासियतें लेकर आ रहा है। उन्होंने बताया कि पहली और दूसरी लहर में देश में सामने आया डेल्टा वेरिएंट सबसे घातक था। इसने लाखों लोगों को मौत की नींद सुला दिया था। इस डेल्टा वेरिएंट ने खूब तबाही मचाई थी। करोड़ों लोगों को संक्रमित किया था। उनके स्वास्थ्य में काफी जटिलताएं पैदा कीं। डेल्टा के करीब एक साल बाद दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन का पता चला। जो सबसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट बताया गया। इससे मरीज गंभीर बीमार तो नहीं पड़ रहा है लेकिन इसके स्पाइक प्रोटीन में 30 से ज्यादा म्यूटेशन हैं। इससे यह वैक्सीन से मिली इम्युनिटी को भी चकमा दे रहा है। इसीलिए इस बात की कोई गारंटी नहीं दी जा सकती कि कोरोना कमजोर हो रहा है और भविष्य में अब इसमें किसी तरह का कोई नया बदलाव नहीं आएगा।’ उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए अभी तक वैक्सीन की बूस्टर डोज को ही कारगर माना गया है।
डॉ0 राहुल भार्गव का कहना है कि ‘यह सच है कि ओमिक्रॉन जैसे वेरिएंट कोरोना वैक्सीन से मिली इम्युनिटी को चकमा दे रहे हैं। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि वैक्सीन की वजह से ही ओमिक्रॉन ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सका है। इससे लोग संक्रमित तो हुए, लेकिन अस्पताल में भर्ती किए जाने की नौबत कम लोगों को आई। संक्रमण से मौत की स्थितियां तो और कम मामलों में बनीं. ऐसे में, यह कहना गलत नहीं होगा कि वैक्सीन और उसके बूस्टर डोज ही हमें कोरोना के भविष्य में आने वाले वेरिएंट से हमें बचा सकते हैं।’
Published on:
12 Feb 2022 12:47 pm
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