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पति के शव को टुकड़ों- टुकड़ों में काटकर ड्रम में दबाया, प्रेमी के साथ हिमाचल घूमने गई, विवेचक ने अदालत में बताई पूरी कहानी

मेरठ के चर्चित सौरभ हत्याकांड में जांच अधिकारी ने अदालत में बताया कि पत्नी मुस्कान और प्रेमी साहिल ने शव के टुकड़े कर नीले ड्रम में डालकर सीमेंट भरा। चार घंटे की गवाही में खौफनाक साजिश के कई खुलासे हुए।

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मेरठ

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Mahendra Tiwari

Dec 11, 2025

साहिल, सौरभ और मुस्कान फोटो सोर्स पत्रिका

साहिल, सौरभ और मुस्कान फोटो सोर्स पत्रिका

मेरठ के ब्रह्मपुरी क्षेत्र में हुए चर्चित नीले ड्रम वाले सौरभ हत्याकांड की सुनवाई के दौरान मंगलवार को अदालत में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। मामले की तफ्तीश करने वाले तत्कालीन ब्रह्मपुरी थाना प्रभारी रमाकांत पचौरी ने अपने बयान में बताया कि सौरभ की हत्या कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं था। बल्कि पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल ने मिलकर पूरी योजना बनाकर यह वारदात अंजाम दी थी।

जांच अधिकारी पचौरी के मुताबिक, हत्या के बाद दोनों ने सबसे पहले शव को ट्रॉली बैग में छिपाने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने शव के चार हिस्से कर दिए। लेकिन टुकड़े बैग में फिट नहीं हो पाए। ऊपर से ट्रॉली बैग का कुंडा भी टूट गया। जब यह तरीका सफल नहीं हुआ। तो उन्होंने नीले रंग का एक बड़ा प्लास्टिक ड्रम खरीदा और उसमें शव के टुकड़े डालकर ऊपर तक सीमेंट भर दिया ताकि किसी को बदबू या शक न हो।

हिमाचल से लौट के बाद ड्रम को सुनसान जगह पर फेंकने की थी योजना

जांच अधिकारी ने बताया कि शव को छिपाने के तुरंत बाद मुस्कान और साहिल बेफिक्री से हिमाचल घूमने निकल गए। दोनों मनाली, शिमला और कसोल तक घूम आए। उनकी योजना थी कि लौटकर मौका देखकर ड्रम को किसी सुनसान जगह फेंक दिया जाए। लेकिन इससे पहले ही सौरभ के परिवार ने उसकी गुमशुदगी की शिकायत कर दी। पुलिस ने जब उसकी तलाश शुरू की। तो धीरे-धीरे पूरा मामला खुलने लगा और सच्चाई सामने आ गई।

मुस्कान ने साहिल के लिए आधी रात को केक मंगवाया

पचौरी ने यह भी बताया कि हत्या वाली रात मुस्कान ने साहिल के लिए आधी रात को केक भी मंगवाया था। जिससे यह साफ जाहिर होता है कि दोनों बिल्कुल डर या तनाव में नहीं थे। कोर्ट में दिए गए बयान के दौरान जांच अधिकारी ने चार्जशीट में दर्ज हर सबूत को विस्तार से समझाया और बताया कि किन परिस्थितियों में दोनों को गिरफ्तार किया गया।

अदालत में अब तक 15 गवाह के बयान दर्ज हो चुके

जिला जज अनुपम कुमार की अदालत में यह गवाही करीब चार घंटे चली। बचाव पक्ष ने अभी जिरह शुरू नहीं की है। जिसके लिए अदालत ने 15 दिसंबर की तारीख तय की है। इस बहुचर्चित केस में अब तक 15 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं। अदालत की प्रक्रिया लगातार आगे बढ़ रही है। यह मामला मेरठ में लंबे समय से चर्चा में है। क्योंकि हत्या का तरीका और उसके बाद आरोपियों का बर्ताव दोनों ही लोगों को हैरान करते रहे हैं।