
मेरठ में छेड़छाड़ से परेशान दो दलित बहनों ने छोड़ा स्कूल
मेरठ. इंचैली थाना क्षेत्र के एक गांव में छेड़छाड़ से परेशान दो दलित बहनों ने घर से निकलना बंद कर दिया। इतना ही नहीं दोनों ने अरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न होने तक कॉलेज जाना भी बंद कर दिया है। इन दोनों दलित बहनों का आरोप है कि उन्हें गांव के ही दूसरी बिरादरी के युवकों से जान का खतरा है, क्योंकि उन्होंने युवकों की बात नहीं मानी और उनका विरोध किया है। मामले की शिकायत करने पर संबंधित थाने में भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद दोनों बहनें एसएसपी कार्यालय पहुंच गई। लड़कियों के पिता का कहना है कि उसकी बेटियां मेरठ के एक डिग्री कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। वह गांव से जब मेरठ आती हैं तो पास के ही कुछ युवक उनको परेशान करते हैं और दोस्ती करने का दबाव बनाते हैं। मना करने पर तेजाब डालने और जान से मारने की धमकी देते हैं, जिससे उसकी बेटियां दहशत में हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी दो छात्राएं छेड़छाड़ के बाद पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने से परेशान होकर आत्महत्या कर चुकी है।
पीड़ित लड़कियों का आरोप है कि शुक्रवार को भी जब दोनों बहनें मेरठ से अपने घर लौट रही थीं तो आरोपित ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर दोनों बहनों के साथ अश्लील हरकत की और धमकी दी कि यदि उन्होंने पुलिस कार्रवाई की तो वह उनका अपहरण करके उनके चेहरे पर तेजाब डालकर जला देगा। इस धमकी से दोनों बहनें डर गई और दहशत में घर पहुंचकर घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी। लड़कियों के पिता जब युवक के घर पहुंचा और उसने शिकायत की तो उल्टा युवक और उसके परिवार वालों ने लड़की के पिता को जमकर पीटई कर दी। आरोप है कि आरोपित पक्ष के कुछ लोगों ने खुद के शरीर में चोट बनाई और तहरीर लेकर थाने पहुंच गए। इसके बाद पुलिस पीड़ित लड़कियों के घर पहुंची और तोड़फोड़ की। लड़कियों के पिता ने जब थाने पहुंचकर सच्चाई बताई तो पुलिस ने एक नहीं सुनीं। इसके बाद पीड़ित परिवार शनिवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचकर कार्रवाई के लिए गुहार लगाई।
एसएसपी के क्राइम मीटिंग में होने के कारण परिवार कार्यालय पर धरने पर बैठ गया। वहीं, इंचैली थाना प्रभारी पंकज शर्मा का कहना है कि लड़की पक्ष ने युवक को अपने घर पर बुलाया और उससे मारपीट कर घायल कर दिया। इसलिए उनकी तहरीर ली गई है। लड़की पक्ष ने छेड़छाड़ की कोई तहरीर थाने में नहीं दी। यदि तहरीर देते तो कार्रवाई होती। वहीं, एसएसपी कार्यालय पर धरने पर बैठे लड़कियों के परिजनों का कहना था कि आरोपी दबंग किस्म के लोग हैं। वे कुछ भी कर सकते हैं। गौरतलब है कि मेरठ जो सिर्फ न एक जिला है, बल्कि एक कमिश्नरी होने के साथ-साथ पुलिस रेंज और जोन भी है। पुलिस और प्रशानिक अधिकारियों की इतनी भारी-भरकम फौज होने के बाद भी महिलाओं के खिलाफ यहां अपराध रुकने के बजाए अपराधों का ग्राफ बढता ही जा रहा है।
Published on:
08 Sept 2018 06:03 pm
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