
मेरठ। एक तरफ सरकार की योजना बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का जोर-शोर से प्रचार प्रसार किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद भी लिंगअनुपात में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मेरठ मंडल के अंतर्गत आने वाले जनपदों की स्थिति बेहद खराब है। अब मेरठ के सीएमओ डा. राजकुमार इस अनुपात को सुधारने के लिए अनूठी पहल करने जा रहे हैं। इसके तहत नवरात्र में जन्म लेने वाली कन्या का सरकारी अस्पताल डफरिन में जन्मदिन मनाया जाएगा। जन्म लेने वाली कन्या के साथ एक संकल्प पत्र भी उसके मां-बाप को दिया जाएगा। योजना का उद्देश्य आम लोगों को बेटी जन्म को उत्साह के साथ मनाने के लिए प्रेरित करना है। सीएमओ का कहना है कि आज भी सरकारी अस्पताल में बेटी के जन्म लेने पर परिजनों के बीच वह उत्साह नहीं दिखता जो बेटे के जन्म लेने पर होता है। इसलिए परिजनों में बेटी के पैदा होने और उसके जन्म पर परिजनों में उत्साहवर्धन करने के लिए ऐसा किया गया है।
इसके लिए चल रही तैयारी
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, आशा, एएनएम के सहयोग से विशेष योजना तैयार की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि जिला अस्पताल प्यारेलाल शर्मा अस्पताल के डफरिन वार्ड में कितनी गर्भवती महिलाओं का इलाज चल रहा है और कितनी की संभावित डिलीवरी तिथि नवरात्र के समय पर है। नवरात्र आगामी 18 मार्च से शुरू हो रहे है। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि नवरात्र के दौरान सरकारी अस्पताल में जन्म लेने वाली प्रत्येक नवजात बच्ची का जन्मोत्सव अस्पताल स्टाफ द्वारा मनाया जाएगा। प्रसूता को पुरस्कृत करने के साथ अस्पताल में नवजात बेटी के पैदा होने की खुशी में मिठाई बांटी जाएगी। इसके अलावा परिजनों को बेटी के जन्म के लिए विशेष तौर से बधाई दी जाएगी।
जिले में शुरू किया जाएगा अभियान
सुरक्षित प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल तक लाने और बेटी को जन्म देने के लिए उत्साहित करने के लिए मेरठ में जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में इसकी जिम्मेदारी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी गई है। गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण के साथ ही उनके स्वास्थ्य की जांच भी तुरंत कराई जा रही है। सीएमओ ने सभी सीएचसी,पीएचसी को आदेश दिए हैं कि वे रजिस्टर्ड गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा से पूर्व ही अस्पताल पहुंचाने के प्रबंध तत्काल करें।
अनुपात में सुधार के प्रयास
एक माह पूर्व देश में लिंगानुपात खराब वाले सौ जिलों की सूची जारी की गई। जिसमें सर्वाधिक जिले उप्र के थे। सबसे अधिक चिंताजनक स्थिति मेरठ मंडल के जनपदों की थी।
Updated on:
14 Mar 2018 04:07 pm
Published on:
14 Mar 2018 04:03 pm
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