
मेरठ। एंटी करप्शन की टीम ने जिला आपूर्ति विभाग के निरीक्षक व उसके सहायक को 20 हजार की घूस लेते रंगे हाथ दबोच लिया। दोनों आरोपियों को सिविल लाइन पुलिस के हवाले करते हुए उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। दरअसल, परतापुर के कायस्थ गांवड़ी निवासी लोकेश कुमार की गांव में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान है। यह दुकान लोकेश की मां रोशनी देवी के नाम से आवंटित है। लोकेश के अनुसार कुछ समय पूर्व आपूर्ति विभाग द्वारा उन्हें जबरन मोहिउद्दीनपुर के इलाके का राशन बांटने की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई। जिसके चलते परेशान होकर उन्होंने संबंधित एसडीएम को प्रार्थनापत्र सौंपते हुए मोहिउद्दीनपुर की राशन दुकान की जिम्मेदारी संभालने में खुद को असमर्थ बताया था।
एसडीएम ने मांगी थी रिपोर्ट
एसडीएम ने इस मामले में आपूर्ति विभाग से रिपोर्ट मांगी, जिसकी जांच संबंधित आपूर्ति निरिक्षक धमेन्द्र कुमार वर्मा के पास थी। लोकेश का आरोप है कि धर्मेन्द्र ने रिपोर्ट लगाने की एवज में उनसे बीस हजार की मांग की। जिस पर लोकेश ने एंटी करप्शन डिपार्टमेंट में मामले की शिकायत कर दी। एंटी करप्शन की टीम ने लोकेश को कैमिकल लगे बीस हजार के नोट देकर धर्मेन्द्र से मिलने आपूर्ति कार्यालय भेजा। लोकेश से रकम लेते ही धर्मेन्द्र ने रकम को अपने निजी सहायक मयंक को सौंप दिया। एंटी करप्शन की टीम ने दोनों को रंगे हाथ दबोच लिया। टीम के अधिकारियों ने दोनों आरोपियों को सिविल लाइन थाना पुलिस को सौंपते हुए आरोपी आपूर्ति निरिक्षक धर्मेन्द्र कुमार वर्मा निवासी शास्त्रीनगर रायबरेली व उसके दलाल मयंक निवासी शिवशक्ति नगर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
Updated on:
06 Apr 2018 09:27 am
Published on:
06 Apr 2018 09:25 am
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