
Meerut News: DM ऑफिस के क्लर्क की नहाते समय मौत | Image Source - Social Media
DM office clerk dies while taking bath in Meerut: मेरठ कलेक्ट्रेट में तैनात वरिष्ठ लिपिक (सीनियर क्लर्क) ईशांत सिंह की सोमवार सुबह अचानक हुई मौत ने पूरे प्रशासनिक अमले और उनके परिवार को झकझोर दिया है। ईशांत की मौत उस वक्त हुई जब वह अपने सरकारी आवास में नहाने गए थे। बताया जा रहा है कि जैसे ही उन्होंने अपने ऊपर पानी डाला, सीने में तेज दर्द उठा और वह चीखते हुए बाथरूम की फर्श पर गिर गए। 8 दिन बाद 22 जुलाई को ईशांत अपना 30वां जन्मदिन मनाने वाले थे।
ईशांत सिंह मेरठ के सदर तहसील के पीछे बने सरकारी स्टाफ क्वार्टर में पत्नी प्रेरणा के साथ रहते थे। सोमवार सुबह करीब 7 बजे वह बाथरूम में नहाने गए थे। जैसे ही उन्होंने अपने ऊपर पानी डाला, अचानक उनके सीने में तीव्र दर्द उठा और वह फर्श पर गिर पड़े। दर्द से कराहते हुए उन्होंने पत्नी को आवाज़ लगाई। पत्नी ने पड़ोसियों की मदद से बाथरूम का दरवाजा तोड़ा, लेकिन तब तक ईशांत अचेत अवस्था में थे।
पत्नी प्रेरणा ने बताया कि रविवार रात को भी ईशांत को सीने में दर्द की शिकायत हुई थी। पड़ोसियों की मदद से उन्हें नजदीकी डॉक्टर के पास ले जाया गया था। वहां मामूली दर्द बताकर दवा दी गई और ईसीजी कराई गई थी। रिपोर्ट में कोई बड़ा खतरा नहीं दिखा और ईशांत घर लौट आए। लेकिन सोमवार सुबह नहाते समय हालत गंभीर हो गई।
घटना के बाद प्रेरणा और पड़ोसी उन्हें पहले पास के मेट्रो हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां हार्ट स्पेशलिस्ट नहीं था। इसके बाद उन्हें तुरंत सुशीला जसवंतराय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने ईसीजी करने के बाद ईशांत को मृत घोषित कर दिया। जैसे ही पत्नी को यह खबर मिली, वह अस्पताल में ही बेहोश होकर गिर पड़ीं और ईशांत के शव से लिपटकर फूट-फूट कर रोने लगीं।
ईशांत की बहन शालिनी ने बताया कि उनके भाई का 22 जुलाई को 30वां जन्मदिन था और हाल ही में उन्होंने 29 जून को अपनी शादी की पांचवीं सालगिरह भी मनाई थी। ईशांत की शादी 5 साल पहले प्रेरणा से हुई थी। अभी तक उनका कोई बच्चा नहीं था।
शालिनी ने रोते हुए बताया कि उनके पिता अशोक कुमार सोलानिया की भी मौत हार्ट अटैक से ही हुई थी। वे रोडवेज में काम करते थे। उस वक्त ईशांत महज 8-10 साल के थे। इसके बाद मां की मौत स्वाइन फ्लू से हुई थी। मां की मृत्यु के बाद ईशांत को मृतक आश्रित कोटे में कलेक्ट्रेट में नौकरी मिली थी।
ईशांत का जीवन शुरू से ही संघर्षों से भरा रहा। बचपन में पिता का साया छिन गया, फिर मां की मौत ने उन्हें पूरी तरह तोड़ दिया। इसके बाद सरकारी नौकरी मिली तो उम्मीदें जगी थीं, लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। उनका सपना था कि वह भविष्य में राजनीति में आएं और विधायकी का चुनाव लड़ें। यह सपना उन्होंने कई बार अपनी बहन से साझा भी किया था।
घटना की जानकारी मिलते ही मेरठ के जिलाधिकारी डॉ. वीके सिंह और एसडीएम दीक्षा जोशी उनके सरकारी क्वार्टर पहुंचे। उन्होंने पत्नी प्रेरणा और परिवारजनों को ढांढस बंधाया।
ईशांत के पड़ोसी और मित्र राहुल राठौर ने बताया कि उन्होंने सुबह चीखने की आवाज़ सुनी और तुरंत दौड़कर घर पहुंचे। दरवाजा तोड़कर देखा तो ईशांत फर्श पर पड़े थे और दर्द से कराह रहे थे।
फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रथम दृष्टया हार्ट अटैक की आशंका जताई जा रही है, लेकिन सटीक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगा।
ईशांत की अचानक हुई मौत से न सिर्फ परिवार, बल्कि प्रशासनिक महकमे में भी शोक की लहर है। सभी लोग एक मेहनती, विनम्र और जीवंत स्वभाव के कर्मचारी को खो देने से दुखी हैं।
Published on:
14 Jul 2025 06:52 pm
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