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अफसरों ने आदेश नहीं माने तो डीएम ने लिया ये कड़ा एक्शन

Highlights डीएम ने ली राजस्व वसूली की बैठक डीएम ने आबकारी अधिकारी के कसे पेंच तहसीलदारों के खिलाफ की कार्रवाई  

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मेरठ। डीएम ने अपने मातहतों को अनुशासन और कार्य में तेजी लाने का पाठ पढ़ाते हुए समीक्षा बैठक में कड़े तेवर दिखाए। उन्होंने जिले के कई अधिकारियों को कार्य मेें लापरवाही बरतते हुए निशाने पर ले लिया। इससे पहले की बैठक में वे एक बार चेतावनी दे चुके थे, लेकिन डीएम की चेतावनी को अधिकारियों ने हवा में उड़ा दिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि डीएम ने अपने तेवर दिखाते हुए अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ ही वेतन रोकने के निर्देश दे डाले।

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डीएम अनिल ढींगरा ने बुधवार को बचत भवन में राजस्व कार्य तथा राजस्व एवं कर करेत्तर वसूली की समीक्षा बैठक की। इसमें कार्य योजना बनाकर राजस्व वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्य में लापरवाही व उदासीनता पर तहसीलदार न्यायिक मेरठ व तहसीलदार मेरठ को प्रतिकूल प्रविष्टि देने तथा उनका वेतन रोकने के निर्देश दिए। साथ ही तहसीलदार मवाना, नगर मजिस्टेट के पेशकार व एडीएम सिटी के पेशकार तथा बैठक में न आने पर एक एसीएम का वेतन रोकने के भी निर्देश दिए। बैठक में जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि विभाग ने अगस्त 19 में 705 छापों में 14,17,487 की वसूली की गई। साथ ही 1,540 लीटर कच्ची शराब, 487.68 लीटर अवैध शराब तथा 2,688.50 लीटर अवैध विदेशी शराब जब्त की गई।

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एडीएम वित्त सुभाष चंद्र प्रजापति ने बताया कि क्रमिक लक्ष्य के सापेक्ष अगस्त-19 तक कर-करेत्तर एवं राजस्व वसूली की प्रगति में भूरा राजस्व में 102.25 प्रतिशत स्टांप एवं पंजीकरण शुल्क में 72.74, वाणिज्य में 102.09, वानिकी एवं वन्य जीव में 4.48 प्रतिशत एवं मध्य सिंचाई में 66.42 फीसद उपलब्धि रही। कुल 84.24 फीसद उपलब्धि रही। इस दौरान डीएम अनिल ढीगरा ने कहा कि जो भी काम में लापरवाही बरतेगा वह बर्दाश्त नहीं होगा। सभी अधिकारी समय से अपने कार्यालय में बैठे और जनता के प्रति दी गई अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें।