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दस पुलिसवालों को खड़ा किया लाइन में तो महिला ने खोला चौंका देने वाला राज

क्राइम ब्रांच ने जिन तीन युवकों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया था, एेसे आए पकड़ में  

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मेरठ। इसी साल 14 अक्टूबर को परीक्षितगढ़ थानाक्षेत्र के गांव बढ़ला के दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल सरबजीत सिंह की हत्या हुई थी। उस समय वह अपनी पत्नी संगीता और दो बच्चों के साथ छुट्टी पर गांव आए थे। घटना वाले दिन अपने मामा के गांव फकरपुर कबट्टा खरखौदा से धार्मिक कार्यक्रम से सेंट्रो कार से लौट रहे थे। खरखौदा में संपर्क मार्ग पर बदमाशों ने परिवार के सामने सरबजीत की गोली मारकर हत्या कर दी। जिसका मुकदमा अज्ञात बदमाशों के खिलाफ खरखौदा थाने में दर्ज हुआ था। अब इन बदमाशों की पहचान हो गर्इ है। क्राइम ब्रांच ने जिन बदमाशों को पहले पूछताछ के लिए उठाया था आैर उन्हें छोड़ दिया था, सरबजीत की पत्नी ने पहचान परेड में इनमें दो हत्यारों की शिनाख्त कर ली। इससे पूर्व में हुर्इ पूछताछ पर संदेह की उंगली उठ ही रही हैं, साथ ही जिस तरह से पहचान करार्इ गर्इ, वह भी कम चौंकाने वाला नहीं है।

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मृतक की पत्नी से करार्इ एेसे पहचान

क्राइम ब्रांच टीम ने एक सप्ताह पहले मुंडाली थानाक्षेत्र के इलाहाबाद मंडइयां निवासी नितिन, लोकेंद्र व उसके भाई अंकित को एक सप्ताह पहले पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। तीन दिन तक पूछताछ के बाद तीनों को छोड़ दिया था। इसके बाद खरखौदा थाने के इंस्पेक्टर ने इन तीनों को उठाया आैर सरबजीत की पत्नी को भी पुलिस लाइन में बुलवा लिया। इन तीनों हत्यारोपियों को सादी वर्दी में दस पुलिसकर्मियों के बीच खड़ा किया। फिर सरबजीत की पत्नी को इनके सामने लाया गया। उसने इसमें लोकेंद्र आैर नितिन को पहचान लिया। इसके बाद इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी ने इन दोनों से पूछताछ के बाद तीसरे हत्यारोपी अंकित को नामजद करते हुए गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि नितिन आैर लोकेंद्र पर लूट के कर्इ मामले दर्ज हैं। एसपी देहात राजेश कुमार का कहना है कि क्राइम ब्रांच ने पहले जांच की थी, चश्मदीद से तब पहचान नहीं करार्इ थी। अब शिनाख्त परेड के बाद तीनों को आरोपी बनाया गया है।