बता दें कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगा कई मंत्रियों और विधायकों ने पार्टी से किनारा किया था। उस दौरान भी स्थिति संभालने के लिए शीर्ष नेतृत्व को कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी। इस बार भाजपा नेतृत्व को डर है कि अगर मंत्री दिनेश खटीक मामले को नहीं संभाला तो विरोध के सुर और उभर सकते हैं। यहीं कारण था कि हस्तिनापुर विधायक और जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के आरोपों पर नेतृत्व गंभीर हो गया। अब जहां डिप्टी सीएम केशव मौर्य के जरिये नौकरशाही को मंत्रियों और कार्यकर्ताओं का सम्मान करने के निर्देश दिए गए हैंं।
यह भी पढ़े : Minister Dinesh Khatik Resignation Case : मंत्री दिनेश खटीक ने 42 लाइन के इस्तीफा पत्र में 16 बार ये शब्द लिखकर फोड़ा दलित बम वहीं प्रदेश सरकार के कैबिनेट और राज्यमंत्रियों के बीच बेहतर तालमेल की कवायद भी शुरू की जा चुकी है। बता दें कि तबादला विवाद के कारण कुछ और मंत्रियों में भी सीएम योगी से नाराज हैं। वहीं दूसरी ओर जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने दावा किया कि राज्यमंत्री दिनेश खटीक से उनकी बातचीत होती रहती है। संघ के एक बड़े पदाधिकारी ने बताया कि अब प्रदेश सरकार में केंद्रीय मंत्रियों और राज्यमंत्रियों में बेहतर तालमेल के लिए संवाद प्रकिया की शुरूआत होगी। जो कि बहुत जरूरी थी।