
मेरठ। लम्बे समय से विकास कार्यों के लिए कम और विवादों के लिए सुर्ख़ियों में चल रहे नगर निगम में आज एक बार फिर दिनभर हंगामा हुआ। नगरायुक्त के बोर्ड के उपाध्यक्ष पद का चुनाव निरस्त करने से गुस्साए पार्षदों ने नगरायुक्त के कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन और नगरायुक्त के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद गुस्साए पार्षद कमिश्नरी पहुंचे और कमिश्नर का घेराव किया और उसके बाद नगरायुक्त के घर के बाहर प्रदर्शन करने के बाद उनका पुतला भी फूंका।
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मेयर आैर पार्षदों ने लगाए आरोप
हंगामा कर रहे पार्षदों ने नगरायुक्त पर भाजपा के वर्कर के रूप में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नगरायुक्त को चुनाव रद्द करने का अधिकार ही नहीं है, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने बिना महापौर की परमिशन के ये चुनाव निरस्त किए हैं। वहीं, बसपा की नव निर्वाचित मेयर ने भी भाजपा पार्षदों पर आरोप लगाए और सेटिंग करके विकास कार्यों का ठेका देने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि कमिश्नर से मिल कर अपनी मांगों का ज्ञापन दिया है, जहां उनको जांच का आश्वासन मिला है। साथ ही उनका आरोप था कि पार्षदों को घर जा कर धमकाया भी गया है, जिससे वे आज इस बैठक में शामिल न हो पाएं।
अगली तिथि घोषित नहीं
दरअसल, मेरठ नगर में बीजेपी पार्षदों और अन्य दलों के पार्षदों में दो फाड़ हो चली है, आलम ये है कि सदन में अब तक जो भी बैठक हुई वे सब हंगामे की भेंट चढ़ गई, ऐसे में शहर के विकास में पलीता लगाने का काम किया जा रहा है। नगर निगम में आज बोर्ड के उपाध्यक्ष पद का चुनाव होना था साथ बजट भी रखा जाना था, लेकिन नगरायुक्त द्वारा चुनाव रद्द किये जाने से पार्षद भड़क गए और जमकर हंगामा हुआ। पार्षदों और फिर मेयर ने गंभीर आरोप लगाए। अब उपाध्यक्ष पद पर चुनाव कब होगा, इसकी घोषणा बाद में की जाएगी।
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Published on:
15 Feb 2018 08:39 pm
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