10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बदमाशों के एनकाउंटर में यह जोन नंबर वन, फिर भी अपराधी पुलिस को हांफने पर मजबूर कर रहे!

मेरठ जोन में पुलिस ने पिछले 11 महीने में 400 एनकाउटंर किए  

3 min read
Google source verification
meerut

मेरठ। हाइवे पर निकाह के बाद ससुराल जा रही दुल्हन को गोली मारकर लूटपाट करना, गाजियाबाद में पत्रकार को गोली मारी जाती है। अपराध का ये हाल तो तब है जबकि पुलिस ताबड़तोड़ एनकाउंटर कर रही है। एनकाउंटर के मामले में मेरठ जोन को अव्वल दर्जा हासिल है। बीते 11 महीने में 400 से ज्यादा एनकाउंटर का रिकार्ड है। कुछ नामी बदमाश मारे गए और अधिकांश के टांग में गोली लगी और वे इलाज के बाद वे सलाखों के पीछे पहुंचा दिए गए। बीते दो दशकों में लगातार इतने एनकाउंटर कभी नहीं हुए। मेरठ जोन के नोएडा, गाजियाबाद, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, मेरठ व हापुड़ पुलिस एनकाउंटर की दौड़ में शामिल हैं।इतना सब होने के बाद भी खाकी का इकबाल बुलंद करने में पसीने छूट रहे हैं। सनसनीखेज वारदातें पुलिस तंत्र को हिला रही हैं।

यह भी पढ़ेंः UP Board Result 2018: सरकारी विद्यालयों की पढ़ार्इ पर उंगली उठाने वाले जरा ठहर जाएं, पहले इस विद्यालय का रिजल्ट देख लें

यह भी पढ़ेंः बसपा के इस पूर्व विधायक पर 12 धाराओं में नौ केस, हो सकती है उम्रकैद की सजा

अनसुलझी वारदातों की फेहरिस्त लंबी

पुलिस के खाते में अनसुलझी वारदातों की फेहरिस्त लंबी है। वारदातों को छिपाने से लेकर रिपोर्ट दर्ज करने में खेल के भी आरोप हैं। थाना स्तर पर पीड़ितों के साथ रवैया ऐसा है कि अधिकारियों के यहां हर रोज फरियादियों की भीड़ लगती है। पुलिस अधिकारी भी मानते हैं कि यदि थाना स्तर पर ही शिकायत का निस्तारण हो जाए, तो उनके पास तक फरियादी न आएं। ऐसी नौबत तभी आती है जब वह निराश हो चुके होते हैं।

यह भी पढ़ेंः भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष के पिता ने अपनी ही सरकार को दे डाली जेल पर हमले की चेतावनी

बेखौफ अंदाज वाली घटनाओं से दरकता भरोसा

मेरठ जिले में सनसनीखेज वारदातें सुर्खियों में रहती आयी हैं। पुलिस की नाकामी से गवाहों के ऐलानिया कत्ल के दाग भी पुराने नहीं हुए हैं। कई गवाहों को ऐलान करके सरेआम मार डाला गया। बेखौफ अंदाज में हुई हत्याओं ने लोगों को अंदर तक हिलाकर रख दिया। केवल हालिया घटनाओं पर गौर करें, तो बीते 13 अप्रैल को किठौर कस्बे में रजवाहे के पास नई बस्ती में बेखौफ बदमाशों ने डकैती की सनसनीखेज घटना को अंजाम दे डाला। इस वारदात के दो रोज बाद ही कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में एक प्रॉपर्टी डीलर हरेंद्र चौधरी की बदमाशों ने दिनदहाड़े गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। सरेआम हत्या करके बदमाश हवाई फायरिंग करते हुए भाग गए। 18 अप्रैल को खरखौदा क्षेत्र में दिनदहाड़े बदमाशों ने हथियारों के बल पर दो ट्रैक्टर लूट लिए गए। नोएडा में करोड़ों की चांदी लूट की घटना के साथ बैंक के बाहर लाखों की नगदी लूट ली गई। इसके अलावा 16 अप्रैल को बरौला गांव में पल्सर बाइक सवार बदमाशों ने बेखौफ तरीके से भूमाफियाओं में शुमार मोती गोयल की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। सहारनपुर भी बेखौफ अंदाज में पीछे नहीं है। 17 अप्रैल की शाम लेबर कालोनी पुलिस चौकी के सामने ही फायरिंग की घटना हो गई। दूसरी तरफ बुलंदशहर के औरंगाबाद इलाके में हुई डकैती की वारदात को लोग दहशत में आ गए। दाऊद के गुर्गों को यहां से दबोचा गया। वह बेफिक्री से शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन की हत्या की प्लानिंग कर रहे थे।

यह भी पढ़ेंः शब-ए-बारात है इस दिन, कब्रिस्तानों पर होगी रोशनी

एडीजी प्रशांत कुमार का कहना है

एडीजी मेरठ प्रशांत कुमार का कहना है कि बड़े अपराध रुके हैं। हाल ही में जो अपराध हुए, उनके आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम का गठन किया गया है। नतीजे जल्द ही सबसे सामने होंगे।

यह भी पढ़ेंः मंजिल सैनी बाल्य देखभाल अवकाश पर, जानिए यूपी के 36 आर्इपीएस अफसरों की नर्इ तैनाती