
र्इपीएफआे देगा प्राइवेट सेक्टर में लगातार दस साल काम करने वालों को पेंशन, सितंबर 2014 से पहले के लिए यह विकल्प
मेरठ। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (र्इपीएफआे) ने प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत कर्मचारियों के लिए न्यू कर्मचारी पेंशन स्कीम शुरू की है। 20 कर्मचारियों से अधिक कमर्चारियों वाले प्राइवेट संस्थानों में लगातार दस साल काम करने वाले कर्मचारी को र्इपीएफआे आजीवन पेंशन देगा। बेसिक सेलरी से कटने वाला 12 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारी के प्राविडेंट फंड में जाता है। इसमें से 8.33 प्रतिशत हिस्सा पेंशन फंड में जाता है। र्इपीएफआे ने सितंबर 2014 से पहले की ज्वाइनिंग वाले कर्मचारियों को अपने वेतन से 12 फीसदी से ज्यादा पीएफ काटे जाने का विकल्प भी दिया है, जबकि इसके बाद वालों के लिए नहीं। अगर कर्मचारी संस्थान भी बदलता है आैर उसका पीएफ आैर पेंशन फंड जारी रहता है, तब भी सर्विस में ब्रेक नहीं माना जाता आैर उसे आजीवन पेंशन मिलेगी।
दस साल से पहले पैसा निकालने पर पेंशन नहीं
र्इपीएफअो की न्यू कर्मचारी पेंशन स्कीम के अंतर्गत कर्मचारी प्राइवेट संस्थान में लगातार दस साल काम करते-करते अपने पीएफ व पेंशन फंड से सारा पैसा निकाल लेेता है तो वह पेंशन पाने का हकदार नहीं होगा। इसके साथ-साथ यदि कमर्चारी की सितंबर 2014 के बाद ज्वाइनिंग है तो वह अपनी बेसिक वेतन से 12 प्रतिशत से ज्यादा कंट्रिब्यूशन नहीं करा सकता। न्यू कर्मचारी पेंशन स्कीम के अंतर्गत यह विकल्प सिर्फ सितंबर 2014 से पहले के कर्मचारियों के लिए है। वह भी तब जब कंपनी उसके आवेदन को स्वीकार कर ले।
र्इपीएफ एक्ट 1952 की भूमिका
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के र्इपीएफ एक्ट 1952 के अंतर्गत कर्मचारी के बेसिक वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा प्रोविडेंट फंड (पीएफ) में जाता है। 12 प्रतिशत में से 8.33 प्रतिशत पेंशन फंड में चला जाता है, साथ ही सरकार की आेर से भी उस कर्मचारी के पेंशन फंड में बेसिक वेतन का 1.16 प्रतिशत जमा किया जाता है। इस आधार पर कर्मचारी को लगातार दस साल प्राइवेट संस्थान में काम करने पर वह पेंशन मिलती है।
Updated on:
28 Aug 2018 01:43 pm
Published on:
28 Aug 2018 10:07 am
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