
मेरठ। मोदीपुरम में कांवड़ झांकियां देखने के बाद वापस लौट रहे दलित युवकों की राजपूत युवकों से हुर्इ तकरार के बाद अगले दिन गुरुवार को हुए दोनों पक्षों के बीच संघर्ष में दलित युवक की मौत आैर एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। बताते हैं कि गुरुवार की सुबह तक सबकुछ ठीक था आैर समझौता भी हो गया था, लेकिन समझौते के बाद जब दलित समाज के लोग जाने लगे तो पीछे सेे बोले गए एक शब्द के बाद यहां जातीय संघर्ष हो गया।
पीछे से आवाज आयी 'मारो'
बताते हैं कि बुधवार की रात अनुसूचित जाति का रोहित अपने साथियों के साथ मोदीपुरम में कांवड़ झांकियां देखने गए था। वापस लौटते समय उल्देपुर के ही सुमित आैर पुनीत चौहान से उसका झगड़ा हो गया था। तब मामला शांत हो गया था। गुरुवार की सुबह रोहित का पिता अपनी बिरादरी के कुछ लोगों को लेकर सुमित व पुनीत के घर पिता कृष्ण चौहान से शिकायत करने पहुंचा था। वहां दोनों बिरादरी के लोग इक्ट्ठा होने के बाद बुधवार की घटना पर चर्चा हुर्इ, हालांकि यहां गहमागहमी हुर्इ। लेकिन मामला सुलटने की दशा में रोहित के पिता बिरादरी के लोगों के साथ लौटने लगे। इनके लौटने में ही पीछे से शोर मचा दिया मारो-मारो। इस पर ठाकुर बिरादरी के लोग आगे आ गए तो अनुसूचित जाति के लोग भी सामने आए। इसके बाद गाली-गलौच शुरू हो गर्इ आैर थोड़ी देर बाद यह मारपीट में बदल गर्इ। इसके बाद लाठी-डंडे चलने लगे। यहां हुए संघर्ष में रोहित समेत कर्इ लोग घायल हो गए। इसकी सूचना पुलिस को दे दी गर्इ थी। घायलों को पास के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां रोहित को मृत घोषित किया गया।
इनके खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज
रोहित केे पिता ने कृष्ण चौहान व अन्य आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। एसएसपी राजेश कुमार पांडेय का कहना है कि हत्या, बलवा व एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनमें से दो को हिरासत में ले लिया गया है।
Published on:
10 Aug 2018 08:55 am
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