
मेरठ। अधिग्रहित भूमि का एक समान मुआवजा देने, रजवाहे से खेतों में पानी की निकासी न होने के कारण सर्विस रोड बनवाने, अंडरपास तैयार कराए जाने समेत अपनी 12 सूत्रीय मांग को लेकर 19 गांवों के किसानों ने डासना से पदयात्रा करके यहां कमिश्नरी पार्क पर डेरा डाल दिया है। रविवार को किसानों की कमिश्नर अनीता सी. मेश्राम के साथ वार्ता होगी। इसमें किसान अपनी मांगें रखेंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे कमिश्नरी पर ही धरना शुरू कर देंगे।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर अधिग्रहित जमीन के एक समान मुआवजे की मुख्य मांग को लेकर किसान कमिश्नरी पार्क पर डेरा डाल चुके हैं। शनिवार की शाम को किसानों की पदयात्रा कमिश्नरी पार्क पहुंची। किसानों ने 12 सूत्रीय मांग पत्र तैयार कर कमिश्नर अनीता सी.मेश्राम को देने का प्लान तैयार किया है। इसी बीच, किसानों की पदयात्रा को देखते हुए कमिश्नरी पर भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई है। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। किसानों की पदयात्रा के चलते कमिश्नरी की चारों तरफ से घेराबंदी कर ली गई है। डासना से 30 नवंबर को किसान सेवा समिति के बैनर तले शुरू हुई पदयात्रा ने भूड़बराल पड़ाव के बाद मेरठ की ओर कूच किया। भूड़बराल में किसानों का कांशी गांव में जोरदार स्वागत किया गया।
इस पदयात्रा में सैकड़ों किसान और महिलाएं भी शामिल हैं। सपा नेता अतुल प्रधान भी पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। यात्रा में सपा नेता शोएब सिद्दीकी, प्रधान अरशद, नंबरदार जुनैद, महबूब अली, रालोद के चौ. यशवीर सिंह, अमरजीत सिंह आदि मौजूद हैं। पदयात्रा को देखते हुए प्रशासन की ओर से यहां काफी फोर्स तैनात किया है। शनिवार की शाम जब पदयात्रा कमिश्नरी पार्क पहुंची तो उन्होंने यहां रात्रि में अपने खाने का बंदोबस्त किया और यहीं पर भट्टी पर कढ़ाई चढ़ाकर पदयात्रा में शामिल किसानों को खाना खिलाया। रविवार को कमिश्नर के साथ किसानों की वार्ता होगी। किसानों का कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे यहीं पर धरना शुरू कर देंगे।
Published on:
03 Nov 2019 06:08 am
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