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मेरठ। परिवार परमार्श केंद्र में भी ऐसे-ऐसे केस आते हैं कि सुनकर हैरत होती है। हालांकि दोनों ही पक्षों को छोटी-छोटी बात पर समझाया जाता है। अब एक ऐसा मामला आया है कि जिसे सुनकर हर कोई अचंभे में है। शादी को तीन महीने भी नहीं हुए कि पति-पत्नी में जूते-चप्पल चल गए। दोनों ने अपने-अपने परिजनों से शिकायत की तो वे भी सकते में आ गए और एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे। फिलहाल यह मामला परिवार परामर्श केंद्र में पहुंच गया है, जहां दोनों पक्षों की सुनवाई चल रही है।
पत्नी अलग रहने की जिद करती है
मामला ब्रह्मपुरी क्षेत्र का है। प्राइवेट बैंक में काम करने वाले युवक की शादी तीन महीने हुई थी। उसकी पत्नी अध्यापिका है। दोनों परिवार एक-दूसरे के पड़ोसी हैं। शादी के कुछ दिन बाद से ही पति-पत्नी में छोटी-छोटी बात को लेकर झगड़ा रहने लगा। पत्नी ने जिद की कि वह परिवार से अलग रहना चाहती है। इस पर पति ने मनाकर दिया। ऐसा कई बार होने पर पति-पत्नी के बीच जमकर जूतम-पैजार हुई। पति ने सख्ती से विरोध किया कि पति-पत्नी परिवार के साथ ही रहेंगे।
मायके वालों ने दे दी चेतावनी
जब पति-पत्नी में यह विवाद खत्म नहीं हुआ तो मामला परिवार परमार्श केंद्र पहुंच गया। मायके वालों ने शादी में खर्च की एवज में 15 लाख रुपये में फैसला करने की बात दूसरे पक्ष के सामने रखी है। पति का कहना है कि शादी के बाद से पत्नी के मायके वाले छोटी-छोटी बात पर हस्तक्षेप करने लगे और घर आकर नसीहत देते। पत्नी को उसकी गलतियों के बारे में बताते तो झगड़ा होता था, जबकि मायके वालों का कहना है कि शादी के बाद से ही उसका पति और सास दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करने लगे और उससे कोई भी बात नहीं करता। उनकी बेटी को ससुराल वाले परेशान रखते हैं।
Published on:
31 Aug 2019 04:52 pm
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