
पहली क्राइम मीटिंग में थानेदारों को आ गया पसीना, एसएसपी ने दे दी इन्हें यह चेतावनी
मेरठ। मेरठ में बढ़ते अपराधों ने पुलिस अधिकारियों का दम फुलाया हुआ है। प्रतिदिन सरेआम हत्याएं और लूट से जनपद में लाख प्रयास के बाद भी अपराध काबू में नहीं आ पा रहे। जबकि मेरठ जैसे जिले में ही आईजी और एडीजी भी बैठते हैं। इस जिले का तब यह हाल है। अपराधों पर काबू करने और थानों की रिपोर्ट जानने के लिए कप्तान राजेश कुमार पांडे ने देर रात सभी थानेदारों की समीक्षा बैठक बुलाई। समीक्षा बैठक के दौरान कप्तान के तेवर देख थानेदारों को पसीना आ गया।
फील्ड में निकलकर काम करें थानेदार
एसएसपी ने थानेदारों को साफ कहा कि थाने में लगे एसी में बैठने से बेहतर है कि फील्ड में निकलकर काम करें। अधिकांश थानेदारों को तो अपने क्षेत्र की एबीसी की बेसिक जानकारी भी नहीं थी। कप्तान राजेश कुमार पांडे ने एसओ मेडिकल सतीश कुमार से थाने के बारे में बेसिक जानकारी पूछी तो वे बगले झांकने लगे। कप्तान ने थाने में दर्ज हिस्टीशीटरों के बारे में जानकारी मांगी तो एसआे को पसीना आ गया। फिर क्या था कप्तान एसओ मेडिकल के कागजी खानापूर्ति और उनको थाने के बारे में जानकारी न होने पर बोले कैसे थानेदार हो। गेट आउट फ्राम हेयर। कप्तान के ये शब्द सुनकर एसओ को पसीना आ गया और वह चुपचाप मीटिंग से उठकर बाहर चला आया।
पुलिस का व्यवहार ठीक नहीं
कप्तान ने सभी थानेदारों को हड़काते हुए कहा कि प्रतिदिन सैकड़ों फरियादी और पीड़ित उनके कार्यालय में आते हैं। आखिर इसका कारण क्या है। उन्होंने कहा कि थाने में पुलिस का व्यवहार ठीक नहीं है। जिस कारण उनके पास फरियादी और पीड़ित पहुंच रहे हैं। एसएसपी की क्राइम मीटिंग में एसपी सिटी रणविजय सिंह, एसपी देहात राजेश कुमार, एसपी क्राइम शिवराम यादव सहित सभी सर्किल के सीओ और एसओ मौजूद थे। एसएसपी ने थाना लालकुर्ती, फलावदा, लिसाड़ी गेट, इंचौली, किठौर, ब्रहमपुरी, परीक्षितगढ, सरूरपुर, टीपीनगर आदि के थानेदारों को अपनी कार्यशैली दुरूस्त करने की बात कही। उन्होंने सभी थानेदारों से दो टूक में कहा कि अगर वारदात होती है, तो उसकी जिम्मेदारी सीधी थानेदारों की होगी।
Published on:
07 Jun 2018 08:40 pm
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