
मेरठ। दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान मेरठ में बवाल कराने का आरोपी बसपा का पूर्व विधायक योगेश वर्मा जेल में है। इससे बसपार्इ परेशान हैं। इसी वजह से बसपा के एक आैर पूर्व विधायक सत्येंद्र सोलंकी ने पुलिस आैर प्रशासनिक अफसरों पर आरोप लगाए। इस संबंध में उन्होंने ज्ञापन डीएम अनिल ढींगरा को सौंपा है। बसपा क इस पूर्व विधायक का कहना है कि प्रशासनिक अफसरों के बुलाने पर ही दो अप्रैल को योगेश वर्मा व उनके अन्य साथी प्रदर्शनकारियों को शांत करने पहुंचे थे। जिन्हें धोखे से पुलिस आैर प्रशासनिक अफसरों ने गिरफ्तार कर लिया था।
पूर्व विधायक ने कहा कि दो अप्रैल की हिंसक घटनाआें के बाद से दलित युवकों का जांच के नाम पर उत्पीड़न किया जा रहा है, जबकि हिंसा करने वाले बाहरी युवक थे। इसमें शहर के दलित युवकों का कोर्इ रोल नहीं है। ये बाहरी युवक कौन थे, इसकी जांच होनी चाहिए आैर दलित युवकों उत्पीड़न रोका जाना चाहिए। पूर्व विधायक ने निर्दोष दलित युवकों की रिपोर्ट निरस्त करने आैर जेल भेजे गए आरोपियों को रिहा करने की मांग की है। डीएम को ज्ञापन सौंपने वालों में बिनौली के पूर्व ब्लाॅक प्रमुख हरेन्द्र सोलंकी, नवाब, दारा सिंह प्रजापति, दीपक राणा, प्रताप चौहान समेत अन्य लोग शामिल रहे।
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जेल में योगेश वर्मा से मुलाकात
बसपा के पूर्व विधायक सत्येंद्र सोलंकी अपने साथियों के साथ जेल में बंद हस्तिनापुर के पूर्व विधायक याेगेश वर्मा से मिलने जिला कारागार पहुंचे। हालांकि वहां क्या बात हुर्इ, इस बारे में पता नहीं चल पाया। योगेश वर्मा को दो अप्रैल को मेरठ में बवाल होने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। पूर्व विधायक पर भीड़ को उकसाने आैर बवाल कराने के आरोप लगाए गए हैं।
Published on:
12 Apr 2018 12:03 am
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