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प्रदूषण: पराली जलाने नहीं गलाने के लिए किया जाएगा डी-कंपोजर घोल का छिड़काव

locationमेरठPublished: Oct 13, 2021 04:15:00 pm

Submitted by:

Nitish Pandey

मौसम में बदलाव और प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए अब पराली जलाने पर लगी रोक को प्रभावी तरीके से पालन करवाने की ओर भी सरकार ने प्रयास करने शुरू कर दिए है।

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मेरठ. मौसम में बदलाव और प्रदूषण का स्तर धीरे-धीरे बढ़ने पर इसे नियंत्रित करने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। इसी कड़ी में ठंड में प्रदूषण के स्तर को कम करने और पराली जलाने के स्थान पर इस बार उसके गलाने के लिए खेतों में नि:शुल्क बायो डी-कंपोजर घोल के छिड़काव की शुरुआत की जाएगी। अभियान की शुरुआत गांवों से की जाएगी।
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सरकार के पास इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में पराली गलाने के लिए घोल के छिड़काव की तैयारी है। इसके लिए जो किसानों ने अपने खेत में बायो डि-कंपोजर घोल के छिड़काव करवाना चाहते हैं वे कृषि विभाग या फिर पंचायत विभाग द्वारा गठित की गई टीम से संपर्क कर यह छिड़काव शुरू करवा सकते हैं। पिछली साल भी पराली जलाने से रोकने के लिए सरकार की ओर से काफी ठोस प्रयास किए गए थे। जिसके बाद पराली जलाने के आरोप में कई किसानों के ऊपर मुकदमें भी किए गए थे। इस बार सरकार ने पराली जलाने से रोकने के लिए टीमों के गठन के साथ ही डी-कंपोजर घोल के छिड़काव की भी व्यवस्था की है। इस बार इसकी तैयारी पहले से की गई है।
कृषि विभाग ने पराली गलाने में अपने-अपने गांव के किसानों को जागरूक करने की अपील की है। इसके तहत सरकार बायो डि-कंपोजर के छिड़काव पर आने वाला पूरा खर्च खुद वहन कर सकती है। पूर्व में वायु गुणवत्ता आयोग ने भी सभी राज्यों को बायो डि-कंपोजर का इस्तेमाल करने का आदेश दिया है। घोल बनाने से लेकर छिड़काव करने तक खर्च विभाग खुद वहन करेगा।
पड़ोसी राज्यों में पराली जलने से पश्चिमी यूपी पर पड़ता है असर

पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के जिलों में जलने वाली पराली के कारण दिल्ली, एनसीआर और पश्चिमी यूपी की वायु गुणवत्ता प्रभावित होती है। सरकार ने वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए इस बार ये कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत 10 बिंदुओं पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है।
इसी योजना का हिस्सा पराली पर बायो डि-कंपोजर का छिड़काव करना भी है। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को भी ऑडिट रिपोर्ट सौंपी गई है। वहीं दिल्ली सरकार ने भी अन्य राज्यों में बायो डि-कंपोजर का उपयोग कराने की अपील की है।
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