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Ganesh Chaturthi 2018: गणेश चतुर्थी पर नहीं करें यह काम, नहीं तो गजानन हो जाएंगे बेहद नाराज

locationमेरठPublished: Sep 13, 2018 11:15:51 am

Submitted by:

sanjay sharma

गणेश चतुर्थी महोत्सव 13 सितंबर से शुरू हो रहा

मेरठ। जन्माष्टमी के बाद लोग अब गणेश चतुर्थी की तैयारी में जुट गए हैं। गणेश जी को घर पर लाकर उनकी पूजा की तैयारी जोरों पर है। बाजार में भी तरह-तरह के गणेश की मूर्तियां आई हुई हैं जो लोगों को आकर्षित कर रही हैं, लेकिन गणेश चतुर्थी के दिन गणेश की पूजा के दौरान कुछ ऐसी चीजों का प्रतिबंध होता है। अगर हम उन चीजों को करें या उनके दर्शन कर लें तो भगवान गणेश रुष्ट हो जाते हैं।
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चंद्र दर्शन बिल्कुल करें गणेश चतुर्थी पर

इन्हीं में से एक है गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करना। इसको भूलकर भी नहीं करना चाहिए। पंडित विभोर इंदुसुत के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्र-दर्शन वर्जित होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चन्द्र के दर्शन करने से मिथ्या दोष अथवा मिथ्या कलंक लगता है। जिसकी वजह से गणेश का पूजन करने वाले भक्त दर्शनार्थी को चोरी का झूठा आरोप सहना पड़ता है। ऐसा शास्त्रों में वर्णित है। उन्होंने बताया कि पौराणिक गाथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण पर स्यमन्तक नाम की कीमती मणि चोरी करने का झूठा आरोप लगा था। झूठे आरोप में लिप्त भगवान कृष्ण की स्थिति देख के, नारद ऋषि ने उन्हें बताया कि भगवान कृष्ण ने भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चन्द्रमा को देखा था। जिसकी वजह से उन्हें मिथ्या दोष का श्राप लगा है।
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झूठे आरोपों से अभिशप्त हो जाते हैं

नारद ऋषि ने भगवान कृष्ण को आगे बतलाते हुए कहा कि भगवान गणेश ने चन्द्र देव को श्राप दिया था कि जो व्यक्ति भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दौरान चन्द्र के दर्शन करेगा वह झूठे आरोपों से अभिशापित हो जायेगा और समाज में उसे झूठे आरोपों से कलंकित होना पडे़गा। नारद ऋषि के परामर्श पर भगवान कृष्ण ने मिथ्या दोष से मुक्ति के लिये गणेश चतुर्थी के व्रत को किया और मिथ्या दोष से मुक्त हो गये।
दो दिन के लिए वर्जित होता चंद्र दर्शन

चतुर्थी तिथि के प्रारम्भ और अन्त समय के आधार पर चन्द्र-दर्शन लगातार दो दिनों के लिये वर्जित हो सकता है। धर्म सिन्धु के नियमों के अनुसार सम्पूर्ण चतुर्थी तिथि के दौरान चन्द्र दर्शन निषेध होता है और इसी नियम के अनुसार, चतुर्थी तिथि के चन्द्रास्त के पूर्व समाप्त होने के बाद भी, चतुर्थी तिथि में उदय हुए चन्द्रमा के दर्शन चन्द्रास्त तक वर्ज्य होते हैं।
इस मंत्र से हो सकता है बचाव

पंडित विभोर इंदुसुत के अनुसार अगर भूल से गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा के दर्शन हो जायें तो मिथ्या दोष से बचाव के लिये निम्नलिखित मन्त्र का जाप करना चाहिये।
सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः।।

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