
मेरठ। वेस्ट यूपी (West UP) के बदमाशों (Notorious Badmash) का हमेशा ही बोलबाला रहा है। चाहे वे जेल के अंदर हों या फिर जेल (Jail) से बाहर। इस बार मामला जरा दूसरा है। कई कुख्यात अपराधी इस समय यूपी की जेलों में बंद हैं। इसके बावजूद पुलिस (Police) को लगता है कि इनमें गैंगवार (Gangwar) छिड़ सकती है। दरअसल, जेलों से अपने-अपने गैंग ऑपरेट कर रहे इन कुख्यातों के इनपुट पुलिस को मिले हैं। इन्हें काबू करने के लिए पुलिस ने प्लान बनाया है।
वेस्ट यूपी के कुख्यात बदमाशों के बीच गैंगवार शुरू होने के इनपुट के बाद पुलिस अफसर भी अलर्ट हो गए हैं। कुख्यात बदमाश सुशील मूंछ, भूूपेंद्र बाफर, योगेश भदौड़ा, ऊधम सिंह, मुकीम काला, सुमित जाट, भरतू नाई समेत दर्जनों बदमाश इस समय जेल में हैं। इनके जेल में होने के बावजूद इनके अपने-अपने इलाकों में खौफ है। इनके गुर्गे आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। ये कुख्यात जेल से ही अपना गैंग चला रहे हैं।
बागपत जेल में कुख्यात मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से इस गैंगवार के बढऩे की चर्चा तभी से शुरू हो गई थी। बजरंगी की हत्या के पीछे पुलिस ने गहरी साजिश भी बताई थी। पिछले महीने आजमगढ़ जेल में बंद ऊधम सिंह के आत्महत्या के प्रयास के बाद पुलिस की जानकारी पुख्ता हो गई, क्योंकि जांच में ऊधम का ड्रामा सामने आया है। इससे पुलिस अलर्ट हो गई है और मान रही है कि खुद को मजबूत करने के लिए बदमाशों ने ग्रुपबाजी शुरू कर दी है।
कुख्यात बदमाशों के बीच गैंगवार भी जगजाहिर है। गांव में एक नाली से शुरू हुए विवाद में योगेश भदौड़ा और ऊधम सिंह आज जान के दुश्मन हैं। ऊधम ने योगेश के भाई प्रमोद भदौड़ा को सरेआम मारा तो योगेश ने ऊधम के करीबी नितिन गंजा की कचहरी में हत्या कराई। इसी तरह सुशील मूंछ और भूपेंद्र बाफर और सुंदर भाटी व बलराज भाटी के बीच रंजिश है। ये सभी अलग-अलग जेलों से अपना-अपना गैंग चला रहे हैं। उच्च पुलिस अफसरों ने जेलों में छापे मारे तो बदमाशों के बीच बड़ी गैंगवार होने का इनपुट पुख्ता हुआ है। मोबाइल डिवाइस तक जेलों में मिली हैं।
अपराधियों के बीच गैंगवार का इनपुट मिलने के बाद पुलिस अधिकारी अलर्ट हो गए। एडीजी आलोक सिंह इस पर लगातार नजर रखे हुए हैं। रोजाना उनकी रेंज के जिलों में पेशी पर आने वाले सभी अपराधियों का रिकॉर्ड लिया जा रहा है। पुलिस सभी अपराधियों की गतिविधियों पर नजर लगाए है। पेशी का सारा रिकार्ड पहले ही पुलिस अफसर जुटा रहे हैं। एडीजी आलोक सिंह का कहना है कि जेलों पर पुलिस का फोकस है, ताकि बदमाश कोई गड़बड़ी न करें। जेल के अपराधियों की पेशी पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
Published on:
05 Jan 2020 04:49 pm
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