
योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, अब जमीन लेने पर नहीं देना होगा यह शुल्क
मेरठ।योगी राज में गन्ना विभाग में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर अधिकारी और कर्मचारी पर गाज गिरी है।यह गाज फर्जी तरीके से गन्ने का क्षेत्रफल बढ़ाने और कार्य में लापरवाही बरतने पर हुई है।गन्ना आयुक्त ने सख्त रवैया अपनाते हुए विभाग में तैनात कई कर्मचारियों को दंडित किया।आचरण नियमावली के प्रतिकूल कार्य करने पर यह कार्रवाई की गई।इसके अलावा विभागीय अनियमितता बरतने पर जिला गन्ना अधिकारी बागपत के विरूद्व अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित की गई।कर्मचारी आचरण नियमावली-1956 के विपरीत आचरण करने पर तीन ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, दो गन्ना पर्यवेक्षक एवं एक वरिष्ठ सहायक के विरूद्व अनुशासनिक कार्रवाई की गई है।
गन्ना विभाग में कर्मचारियों के सुचितापूर्ण तरीके से कार्य करने की अपेक्षा और अपने दायित्वों का निर्वहन पारदर्शी ढ़ंग से किए जाने का एक मूल्यांकन अभियान मुख्यालय स्तर पर चलाया जा रहा है। इस क्रम में जिला गन्ना अधिकारी बागपत सुशील कुमार के विरूद्व अनुशासनिक कार्यवाही की गई है। सुशील कुमार के विरूद्व बागपत जिले की गन्ना सर्किल-बसी के गन्ना सर्वेक्षण वर्ष-2016-17 वास्ते पेराई सत्र 2017-18 में गन्ना पौधा क्षेत्रफल के सापेक्ष वर्तमान सत्र में पेड़ी का क्षेत्रफल त्रुटिपूर्ण/बढ़ाकर अंकित करने, सामान्य पौधा क्षेत्रफल अलग-अलग स्तर पर भिन्न-भिन्न अंकित करने आदि की अनियमितता के संज्ञान में आने पर गन्ना आयुक्त उप्र लखनऊ के स्तर से अपर गन्ना आयुक्त (शोध एवं समन्वय) मुख्यालय लखनऊ की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया।
इसी प्रकार ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक मंसूरपुर उपेन्द्र सिंह, बेलवाड़ा के अशोक बाबू एवं दौराला के दिलीप सिंह को त्रुटिपूर्ण टीडीएस कटौती की वापसी में अपेक्षित वसूली न कराने पर इनके विरूद्व भी अनुशासनिक कार्रवाई की गई है।इसके अतिरिक्त गन्ना पर्यवेक्षक जनपद-रामपुर अजय कुमार सक्सेना व गन्ना पर्यवेक्षक जनपद-मेरठ वेदपाल सिंह द्वारा उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने व बिना अवकाश स्वीकृति के अपने कार्य से अनुपस्थित रहने तथा कर्मचारी आचरण नियमावली, 1956 के विपरीत आचरण करने आदि आरोपों के आधार पर इनके विरूद्व भी अनुशासनिक कार्रवाई की गई है।
Published on:
17 Jul 2018 06:24 pm
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