
CM order make advantage for 14.21 Lakh new pension holders
बागपत। उत्तर प्रदेश में अब कर्मचारियों के लिए हड़ताल करना मुश्किल नजर आ रहा है। कारण, सरकार ने चेतावनी जारी कर दी है कि यदि कर्मचारियों ने हड़ताल की तो उन पर गाज गिराई जाएगी, क्योंकि इससे सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। इतना ही नहीं हड़ताल के चलते समान कार्य समान वेतन की भी नीति लागू कर दी है। अभी तक कर्मचारी के हड़ताल पर रहने पर उनका अवकाश दिखाकर वेतन निकाल दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगी।
कर्मचारियों पर गाज गिराने के साथ-साथ जिस बैनर तले वह हड़ताल करेंगे उसकी मान्यता को भी निरस्त करने की कार्रवाई अमल में लायी जाएगी। संगठन किसी भी कर्मचारी को हड़ताल में शामिल करने के लिए मजबूर नहीं करेंगा और यदि उन्होंने कार्यालय में पहुंचकर सरकारी कार्यों में बाधा पहुंचाई तो उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा करने के आरोप में कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं सभी कर्मचारियों का अवकाश भी निरस्त करने के आदेश दिए हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव ने सभी डीएम को आदेश जारी करते हुए हडताल में शामिल न होने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा करने के आदेश दिए है, ताकि सरकारी कार्य में बाधा न पहुंच सकें।
प्रदेश में आए दिन सरकारी विभागों के कर्मचारी के पुरानी पेंशन बहाली, ग्राम पंचायत सचिवों की भर्ती मे संशोधन करने सहित आदि मांगों को लेकर हड़ताल पर चले जाते हैं। जिससे विकास कार्यों में काफी बाधा उत्पन्न होती है। कर्मचारियों की हड़ताल काफी दिनों तक चलती है और संगठन के पदाधिकारी जो कर्मचारी कार्य करता है उनको कार्यालय से उठाकर ले जाते थे। जिससे सरकारी कार्य में रूकावट पैदा होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की प्रस्तावित 25 से 27 अक्टूबर तक होने वाली हड़ताल से पहले ही सख्त कदम उठाते हुए चेतावनी जारी कर दी है।
मुख्य सचिव ने साफ शब्दों में आदेश दिए है कि यदि कोई भी अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जाएगा और यदि वह हड़ताल पर जाता है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लायी जाएगी, क्योंकि किसी भी कर्मचारी को हड़ताल करने या फिर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का अधिकार नहीं है। हड़ताल करने से विकास कार्यों में काफी रूकावट तो पैदा होती है साथ ही समय से कार्य नहीं हो पाते है। यदि कोई भी हड़ताल पर जाता है तो वह किसी भी कर्मचारी को हड़ताल में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं कर सकते है। यदि उन्होंने कार्यालय में पहुंचकर कर्मचारी को हड़ताल में शामिल होने के लिए मजबूर किया तो उनके खिलाफ सरकारी कार्यों में बाधा पहुंचाने की कार्रवाई की जाए। साथ ही हड़ताल पर रहने वाले कर्मचारियों का वेतन काटा जाए।
मुख्य सचिव डा. अनुप पांडेय ने प्रदेश के सभी डीएम को आदेश जारी करके कहा कि वह हड़ताल में शामिल न होने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा करें और हड़ताल के दौरान विभागों के आसपास पुलिस तैनात की जाए। ताकि कोई भी संगठन का पदाधिकारी कर्मचारी पर हड़ताल में शामिल न होने का दबाव न बना सकें।
संगठन की मान्यता होगी निरस्त
मुख्य सचिव डा. अनुप पांडेय ने कहा कि जिस संगठन को मान्यता मिली है और यदि वह आंदोलन या हड़ताल करते है तो उनकी मान्यता निरस्त करने की कार्रवाई भी अमल मेें लायी जाएगी। किसी भी संगठन को कार्य में बाधा पहुंचाने का अधिकार नहीं है।
नहीं मिलेगा किसी भी कर्मचारी को अवकाश
मुख्य सचिव ने जारी आदेश में कहा कि प्रदेश में किसी भी कर्मचारी को अवकाश न दिया जाए। यदि किसी कर्मचारी दिया जाता है तो संबंधित विभाग के अधिकारी जिम्मेदार होगा। उन्होंने कर्मचारियों का अवकाश तत्काल निरस्त करने के आदेश दिए है, क्योंकि अवकाश लेकर ही कर्मचारी हड़ताल पर जाते है।
सरकार ने इन बिंदुओं को किया जारी
-सरकारी कर्मचारी को निष्ठा व समर्पण के साथ करनी होगी ड्यूटी
-कोई भी सरकारी कर्मचारी हड़ताल में नहीं कर सकेगा संगठन की सहायता। हड़ताल रख संघ की मदद करने वाले कर्मचारी पर गिरेगी गाज
-सरकारी कार्य में बाधा डालने व अवरोध पैदा करने या अन्य रूकावट नहीं कर सकेगा पैदा
-हड़ताल के लिए किसी भी कर्मचारी न ही उकसाया जाएगा न ही भड़काया जा सकेगा
-हड़तालरत कर्मचारी सरकारी कार्य में नहीं करेंगे रूकावट पैदा, नहीं होती होगी कार्रवाई
-हड़ताल करने वाले संघ की शासन से मान्यता रदद करने की होगी कार्रवाई
-हड़ताल करने वाले कर्मचारियों को नहीं मिलेगा वेतन
Published on:
21 Oct 2018 01:38 pm
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