
मेरठ। हापुड़ के पिलखुवा निवासी प्रदीप के साथ पुलिस ने किस हद तक दरिंदगी की इसका अंदाजा उसके शव को देखकर लगाया जा सकता है। चेकिंग के नाम पर प्रदीप को उठाकर इस कदर टार्चर किया गया कि उसके शरीर पर जगह-जगह काले निशान पड़ गए। पुलिस की ज्यादती से उसकी मौत हुई तो शव मेरठ मेडिकल में फेंककर चले गए। परिजनों ने मोर्चरी में रखे उसके शव का वीडियो बनाया तो उसकी हालत देखकर यकीन करना मुश्किल था कि पुलिस इस हद तक बर्बरता भी कर सकती है। पुलिस के इस रवैये के विरोध में घरवालों और किसान यूनियन के सदस्यों ने मेरठ मेडिकल से लेकर कमिश्नरी तक जमकर हंगामा किया। घरवाले कमिश्नर कार्यालय में ही धरना देकर बैठ गए और मृतक युवक के लिए न्याय की मांग की। एडीजी प्रशांत कुमार ने एसओ समेत चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
बता दें कि पिलखुवा पुलिस पर किसान नेता प्रदीप तोमर को चेकिंग के नाम पर उठाकर उसे टॉर्चर करने का आरोप है। मेडिकल पहुंचे प्रदीप के परिजनों ने बताया कि कल दोपहर उसे पिलखुवा पुलिस ने उठाया था जिसके बाद उसे छिजारसी पुलिस चौकी ले जाया गया, यहां उसे जमकर पीटा गया फिर अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल से छुट्टी मिलते ही पुलिस फिर उसे अपने साथ लाई और फिर उसे टार्चर किया गया। पुलिस की ज्यादती से उसकी मौत हुई तो अपनी जान बचाने के लिए रात को ही एक बजे पुलिसवाले उसे मेरठ मेडिकल की इमरजेंसी में फेंककर फरार हो गए। रात में ही उन्हें प्रदीप की मौत की सूचना मिली तो वह दौड़कर मेरठ पहुंचे, जहां उसका शव रखा हुआ था। तीन मिनट से ज्यादा की यह वीडियो जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गई। घरवालों ने कमिश्नरी आफिस में घंटों हंगामा काटा। वह वहीं धरना देकर बैठ गए और आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। परिजनों का आरोप था कि पिलखुवा सीओ और एसओ ने भी प्रदीप के साथ मारपीट की है।
पूरे प्रकरण पर एडीजी मेरठ डा. प्रशांत कुमार ने बताया कि पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। एडीजी ने बताया प्रारंभिक तौर पर थाना इंचार्ज, चौकी इंचार्ज सहित चार पुलिसकर्मियों केा सस्पेंड कर दिया गया है।
Updated on:
14 Oct 2019 07:34 pm
Published on:
14 Oct 2019 07:29 pm
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